मां जैसा करता कोई प्रीत नहीं, मां की...
On




मां जैसा करता कोई प्रीत नहीं
मां जैसा करता कोई प्रीत नहीं
मां की लोरी से बढ़िया कोई संगीत नहीं।
धारा ठिठुरी सर्दी से हो
चाहे आकाश में कोहरा गहरा हो
या बाग बाजारों की सरहद पर
सर्द हवा का पहरा हो।
मां करती कभी आराम नहीं
इस जग में कोई मां समान नहीं।
निज मन में तनिक विचार करो
रामकली खातिर मां का ना त्याग करो।
मां तो स्नेह-सुधा बरसती है
इस धरती पर स्नेह का फूल खिलाती है।
हमें मनभोग खिलाकर
खुद भूखे पेट सो जाती है।
मां की कीर्ति सदा-सदा
मां का प्रेम है प्रतिपदा।
जिसके सर पर हो मां का हाथ
वह कहां किसी से डरते हैं।
हर मां हो स्वस्थ, मस्त
ऐसा ईश वंदना करते हैं।
मां की लोरी से बढ़िया कोई संगीत नहीं
मां जैसा करता कोई प्रीत नहीं।
यह भी पढ़े बलिया के सभी BEO कार्यालयों में लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी, बीएसए ने दिए निर्देश- लापरवाही पड़ेगी भारी
कलमकार : तुलसी सोनी
ग्राम : घोड़हरा, जिला : बलिया
मो. : 9506364909


Related Posts
Post Comments
Latest News
23 Jun 2025 10:38:35
UP PCS Transfer : योगी सरकार ने रविवार देर रात प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। सरकार की तरफ...
Comments