बलिया में TET की अनिवार्यता के खिलाफ प्राशिसं ने दिखाई ताकत, कलेक्ट्रेट में इस बात पर अड़े रहे शिक्षक



बलिया : उत्तर प्राथमिक शिक्षक संघ बलिया के नेतृत्व में हजारों शिक्षकों के साथ विशाल धरना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर दिया। दो घंटे के धरने के पश्चात शिक्षकों का जत्था जुलूस के शक्ल में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। वहां ज्ञापन लेने के लिए जिलाधिकारी के न आने पर शिक्षकों ने धरना शुरु कर दिया। जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी को पूर्व में सूचना दी गई थी कि दो बजे ज्ञापन दिया जायेगा तो उन्हें उपस्थित रह कर प्रधानमंत्री को सम्बोधित हमारा ज्ञापन लेना चाहिए। हम इंतजार करेंगे कि जिलाधिकारी आएं और हमारा ज्ञापन लें।
कहा कि यह एक दिवसीय धरना सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित उस आदेश के विरोध में है, जो गलतफ़हमी में रखकर कराया गया है। कोई भी कानून दशकों पहले से लागू नहीं किया जा सकता। यह असंवैधानिक और अनैतिक आदेश शिक्षक नहीं मानेंगे। जिलाधिकारी बलिया के कार्यालय पर माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष धर्म नाथ सिंह, वर्तमान अध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष अखिलेश सिन्हा और महामंत्री अवनिश चन्द्र पाण्डेय तथा सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय महामंत्री सुशील पाण्डेय कान्ह जी ने उपस्थित होकर अपना समर्थन दिया।
उल्लेखनीय है कि प्राथमिक शिक्षकों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दिया गया है। 2011 के बाद नियुक्त शिक्षक तो टेट पास है, लेकिन उसके पूर्व जब टेट अनिवार्य नहीं था उन शिक्षकों पर भी टेट की अनिवार्यता कर दी गई है। उस आदेश को वापस लेने की मांग शिक्षक कर रहे है। धरना सभा को ज्ञानेन्द्र प्रसाद गुप्त, अनिल पाण्डेय, राधेश्याम सिंह, वीरेन्द्र प्रताप यादव, जितेन्द्र प्रताप सिंह, सुनील सिंह, अशोक यादव, अजय सिंह द्वय, सुशील कुमार, शशिकांत ओझा, नीरज सिंह, अजीत पाण्डेय, तुषार कान्त राय, अरुण पाण्डेय, बलवंत सिंह, सैफ्फुद्दीन, सत्यजीत सिंह, सन्तोष सिंह, ओम प्रकाश, अवधेश प्रसाद, समरजीत सिंह, प्रवीण ओझा, राधेश्याम पाण्डेय, विनय यादव के साथ ही सभी ब्लाकों के अध्यक्ष मंत्री और हजारों की संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे, जो देर शाम तक जिलाधिकारी कार्यालय पर जमे रहे। दोनों स्थानों पर धरना सभा की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह और संचालन जिलामंत्री डॉ. राजेश पाण्डेय ने किया।

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