बलिया में निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा : रस्मों के बाद रथ पर विराजे जगत के नाथ, भक्ति रस में झूमे श्रद्धालु

बलिया में निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा : रस्मों के बाद रथ पर विराजे जगत के नाथ, भक्ति रस में झूमे श्रद्धालु

बलिया : नगर के बालेश्वर मंदिर तिराहे पर स्थित ठाकुर बाड़ी मंदिर से रविवार (आषाढ़ शुक्ल द्वितीया) को पूरी के भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की तर्ज पर रथयात्रा निकाली गई, जिसमें श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने संपूर्ण जगत के नाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया। रथयात्रा में फूलों की महक के बीच श्रद्धालु भजनों पर भक्ति के रस में डुबकी लगाते नजर आए। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ के रथ को हाथों से खींचा। 

मंदिर के सर्वाकार अंकित बरनवाल तथा मंदिर के पुजारी पंडित शत्रुघ्न पांडेय ने बताया कि संध्या 4 बजे भगवान जगन्नाथ, बलराम व सुभद्रा की पूजा-अर्चना करवाई। विग्रह गर्भ गृह से धूमधाम से पूजा अर्चन के साथ नीम की लकड़ी का विग्रह (भगवान जगन्नाथ, बलराम व सुभद्रा) रथ पर आरुढ कराई गई। रथयात्रा के दौरान हनुमानगढ़ी मंदिर के पास इस्कॉन सोसायटी रामपुर उदभान से निकले रथ का हनुमानगढ़ी मंदिर पर आपस में मिलन हुआ।

दोनों रथ के पुजारी एक दूसरे के रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा जी का माल्यार्पण कर पूजा अर्चना किए। इसके पश्चात दोनों रथयात्रा अपने -अपने निर्धारित मार्ग पर जयकारे जय घोष के साथ आगे बढ़ी। श्रद्धालु भक्त रथ को हाथ से खींचते हुए पूरे नगर भ्रमण यानी माल गोदाम रोड, स्टेशन, चौक, गुदरी बाजार, विजय सिनेमा रोड व हनुमानगढ़ी होते हुए मंदिर पर पहुंचे, जहां जयकारे के साथ विग्रह को उतार कर गर्भगृह में रखा गया। तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। इसमें कन्हैया पांडेय, हिमांशु बरनवाल, प्रज्ञान्शु बरनवाल, दीपक बरनवाल, धीरज यादव, लालू जी, अनूप अग्रहरि, अनुज अग्रहरि, सुर्याशुं बरनवाल, मुकुंद पांडेय, श्रीप्रकाश पांडेय  एवं नगर के सभी श्रद्धालु रहे।

यह भी पढ़े Road Accident in Ballia : बाइकों की टक्कर में कर्मचारी की मौत, पुत्र घायल

1901 में शुरु हुई थी यात्रा

यह भी पढ़े 3 November Ka Rashifal : क्या कहते हैं आपके सितारे, पढ़ें आज का राशिफल

मंदिर के सर्वाकार अंकित बरनवाल ने बताया कि मेरे पितामह बाबू कमलेश्वर प्रसाद के पूर्वजों ने सन 1901 में इस ठाकुर बाड़ी का निर्माण कराया था। उसी समय से रथ यात्रा की परंपरा चली आ रही है, जो 124 साल बाद भी बदान्तूर कायम है। रथ सागौन तथा शीशम की लकड़ी से निर्मित है। इसका वजन 3 टन है।

रोहित सिंह मिथिलेश

Post Comments

Comments

Latest News

बलिया में सनसनीखेज वारदात : बोरे में मिला 10 वर्षीय बालक का शव, चार बहनों का इकलौता भाई था शिवम बलिया में सनसनीखेज वारदात : बोरे में मिला 10 वर्षीय बालक का शव, चार बहनों का इकलौता भाई था शिवम
बलिया : फेफना थाना क्षेत्र के आमडारी गांव में सोमवार की सुबह 10 वर्षीय बालक का शव मिलने से सनसनी...
1 December Ka Rashifal : जानिएं क्या कहते हैं आपके सितारे
बलिया में ब्राह्मण स्वयंसेवक संघ मनाई डॉक्टर बीएन राव की पुण्यतिथि
Ballia News : बहन को फंदे पर लटका देख चीखने-चिल्लाने लगा भाई
फेफना खेल महोत्सव : क्लस्टर चार का आगाज, कबड्डी में इंदरपुर और आरके मिशन स्कूल ने मारी बाजी 
बलिया में प्रधानाध्यापक की बाइक से गिरा बैग आधे घंटे में मिला, कोतवाल की सराहना 
सगाई से एक दिन पहले प्रेमी संग फंदे पर लटकी युवती, दुपट्टे से लटके मिले दोनों के शव