भूलकर भी न करे पदोन्नति से इनकार, बंद हो जायेंगे भविष्य के रास्ते




लखनऊ। स्थानांतरण के डर से पदोन्नति न लेने वाले कर्मचारियों तथा अधिकारियों के खिलाफ शासन ने तल्ख तेवर अपनाया है। ऐसे कर्मचारियों तथा अधिकारियों के पदोन्नति के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे। ऐसे कार्मिकों से शपथ-पत्र लिया जाएगा कि वे भविष्य में पदोन्नति की मांग नहीं करेंगे। यही नहीं, भविष्य में उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती नहीं दी जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने बृहस्पतिवार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
गौरतलब हो कि कुछ विभागों में पदोन्नति होने पर कर्मचारियों तथा अधिकारियों का तबादला किया जाता है। तबादले के डर से कुछ कार्मिक पदोन्नति लेने से इनकार कर देते हैं। फिर भविष्य में अपनी सुविधा के अनुसार पदोन्नति की मांग करते हैं। मामला संज्ञान में आने पर शासन ने इस रवैये पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा रुख अख्तियार किया है। अब ऐसे कर्मचारियों व अधिकारियों को भविष्य में होने वाली पदोन्नति के लिए पात्रता की सूची में भी शामिल नहीं किया जाएगा।
खास विन्दु
1. पदोन्नति से इन्कार करने वाले संबंधित सरकारी सेवक से इस आशय का विधिवत शपथ-पत्र प्राप्त कर लिया जाए कि वह भविष्य में पुनः कभी भी अपनी पदोन्नति की मांग नही करेगा।
2. एक बार पदोन्नति से इन्कार (Forgo) करने के पश्चात संबंधित सरकारी सेवक को भविष्य में होने वाली पदोन्नति हेतु पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
3. ऐसे सरकारी सेवक जिनके द्वारा पदोन्नति से इन्कार (Forgo) किया जाता है, के संबंध में नियुक्ति प्राधिकारी पदोन्नति से इन्कार करने के कारणों का विश्लेषण करते हुए स्वविवेक से यह निर्णय लेंगे कि उन्हें भविष्य में जनहित में संवेदनशील / महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया जाए अथवा नहीं।

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