Great Love : विमलेश से बेइंतहा प्‍यार करती थी मिताली, 17 महीने तक शव से निभाया साथ

Great Love : विमलेश से बेइंतहा प्‍यार करती थी मिताली, 17 महीने तक शव से निभाया साथ

कानपुर। आयकर अधिकारी की लाश को 17 महीने तक घर में रखने की घटना ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया है। वहीं, चिकित्सकों का मानना है कि यह बेइंतहा मोहब्‍बत (great love) मनोरोग में बदलने जैसा लगता है। विमलेश और मिताली के बीच वास्तव में भी सची मोहब्‍बत थी, तभी तो मिताली ने विमलेश के प्यार में अपने परिवार से बगावत कर दी थी। विमलेश और मिताली की प्रेम की कहानी काफी चर्चित रही थी। 

दोनों एक-दूसरे पर जान न्योछावर करते थे। उसकी शादी में उसका परिवार शामिल नहीं हुआ था। बाद में मिताली के चाचा ने शादी में आकर रस्म अदायगी की थी। शादी के कुछ दिनों बाद मिताली की बातचीत मां से होने लगी थी। मिताली और विमलेश की Love Story के बारे में एक करीबी ने बताया कि विमलेश, मिताली को उनके घर ट्यूशन पढ़ाने जाते थे। इसी दौरान मिताली ने उन्हें दिल दिया। दोनों के बीच मुहब्बत के बारे में परिवारों को पता चला तो मिताली और विमलेश ने एक-दूसरे से विवाह करने की इच्छा अपने परिवार के लोगों के सामने जताई। इस पर मिताली का परिवार उनके खिलाफ हो गया। बावजूद मिताली, विमलेश के साथ ही जीवन बिताने की ठानी ली। परिवार का विरोध झेलते हुए मिताली ने विमलेश से ही शादी की। 

अप्रैल 2021 में परिवार संग घर लौटे थे विमलेश

कोविड की दूसरी लहर में आयकर विभाग, अहमदाबाद में तैनात विमलेश संक्रमण की चपेट में आए थे। कोरोना से पीड़ित विमलेश अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अहमदाबाद से अप्रैल 2021 में फ्लाइट से लखनऊ आए। लखनऊ से बड़े भाई द्वारा भेजी गई गाड़ी से घर पहुंचे। यहां विमलेश की हालत बिगड़ती गई। परिवार वाले उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में गए, जहां दो दिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। विमलेश के परिवार ने उन्हें दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती कराया। हॉस्टिपल में मात्र चार दिन के इलाज के एवज में प्रबंधन ने 09 लाख का बिल बनाया। फिर उन्हें लेटर हेड पर डेथ सर्टिफिकेट देकर डिस्चार्ज कर दिया गया। परिजनों ने विमलेश के अंतिम संस्कार की तैयारी की‌, लेकिन धड़कन चलने का संदेह होने पर परिजनों ने अंतिम संस्कार का इरादा छोड़ दिया। फिर से विमलेश का इलाज शुरू हो गया। कुछ झोलाछाप की मदद से विमलेश के इलाज में 35 लाख रुपये से अधिक की रकम खर्च हुई। आर्थिक तंगी के शिकार विमलेश के बड़े भाई दिनेश ने कुछ रिश्तेदारों से पैसों की मदद भी मांगी तो उन्होंने असमर्थता जताते हुए मना कर दिया। 

रोज पैर छूकर ड्यटी पर जाती थी बैंक मैनेजर पत्नी

अप्रैल 2021 में दम तोड़ चुके विमलेश की बैंक मैनेजर पत्नी मिताली अब तक सेवा कर रही थी। तख्त पर पड़े शव को रोज गंगाजल मिले पानी से पोंछती थी। कपड़े बदलती थी। कोऑपरेटिव बैंक मैनेजर मिताली बैंक जाने से पहले रोज शव का माथा छूकर उसे बताती थी। उसके सिर पर हाथ फेरती थी और उसे बोलकर जाती थी कि जल्दी ही ऑफिस से लौटकर मिलती हूं। बेटा सम्भव (4) व बेटी दृष्टि (18 माह) शव से लिपट कर भगवान से प्रार्थना करते थे कि उनके पापा को अच्छा कर दें। माता-पिता और भाई शव को ऑक्सीजन देते थे। भाई अपने काम से लौटते थे तो आकर विमलेश से उसका हालचाल पूछते थे। विमलेश की खामोशी के बावजूद वे उसे जीवित मानते रहे। पूरा परिवार इंतजार कर रहा था कि एक दिन विमलेश उठ खड़े होंगे।

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