बलिया में सपा नेताओं की गिरफ्तारी और नजरबंदी पर प्रवक्ता का बड़ा बयान
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बलिया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर किसान आंदोलन के समर्थन में 14 दिसम्बर को होने वाले जिला मुख्यालय पर धरना से पूर्व ही समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उनके आवास से गिरफ्तार करने और घर पर ही नजर बन्द करने की कार्रवाई लोकतांत्रिक व्यवस्था को कुचलने का प्रयास है। प्रशासन की इस बर्बर कार्रवाई से स्पष्ट हो रहा है कि देश और प्रदेश में अघोषित आपातकाल लागू हो गया है। उक्त बातें समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय 'कान्हजी' ने कही।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का लोकतांत्रिक मूल्यों पर कोई विश्वास नहीं है। सिर्फ दमन के रास्ते पर चल कर सत्ता में बने रहना चाह रहे है। लोकतंत्र में अपनी बात रखने का हक सबको है। सहमति और असहमति दोनों ही विचारधाराओं का आदर होना चाहिए। देश का अन्नदाता आज कई सप्ताह से कड़ाके की ठंड में देश की राजधानी की सीमाओं पर बैठे हैं। अगर उनकी आवाज़ को ताकत देने के लिए समाजवादी पार्टी शांति ढंग से धरना देने की बात करती है तो सरकार क्यों डर रही है।समाजवादियों को पुलिस के बल पर नहीं दबाया जा सकता।
कहा कि मुख्यमंत्री समाजवादियों से डर रहे हैं। यह सरकार दमनकारी रास्ते पर चल पड़ी है। विकास और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पूरी तरह से असफल सरकार डंडे के बल पर राज करना चाह रही है, लेकिन शायद उसे यह पता नहीं कि समाजवादियों को दमन के बल पर चुप नहीं कराया जा सकता। सरकारी दमन जितना बढ़ेगा, समाजवादी आंदोलन उतना ही निखर कर तेज होगा। समाजवादी पार्टी नए कृषि कानून का विरोध करती है। देश के किसानों द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन का सार्थन करती है। पार्टी का यह स्पष्ट मानना है कि नया कृषि कानून किसानों की दुर्दशा का कारण बन जायेगा। यह कानून देश के पूंजिपतियों की तिजोरी भरने का काम करेगा, जिसे समाजवादी पार्टी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इस किसान विरोधी सरकार के खिलाफ अब गांव-गांव में पहुंच कर लोगों को जागरूक करेगी तथा सरकार के चेहरे को बेनकाब करेगी।
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