साहित्य के अमिट हस्ताक्षर और जन-जन में प्रिय थे 'राहत साहब' : डॉ. जर्नादन

साहित्य के अमिट हस्ताक्षर और जन-जन में प्रिय थे 'राहत साहब' : डॉ. जर्नादन


बलिया। शहर के मिश्र नेउरी स्थित राष्द्रीय सद्भावना मिशन के कार्यालय पर बुधवार को गोष्ठी आयोजित कर देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी को श्रद्धांजलि दी गई। 
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जर्नादन राय ने कहा कि गंगा-यमुनी तहजीब के सुप्रसिद्घ शायर इंदौरी जी न केवल साहित्य के शिक्षक, बल्कि शिक्षाविद् भी थे। जन-जन में प्रिय 'राहत साहब' को यूं जाने से साहित्‍य जगत बहुत मर्माहत है। उनके निधन से हिन्दी व उर्दू साहित्य जगत को गहरा दुःख पहुंचा है। 'राहत साहब' साहित्य के अमिट हस्ताक्षर थे। उनकी सोच शानदार व दृष्टिकोण बेबाक था। उनका यूं जाना, बेहद दुःख पैदा करने वाला है। गोष्ठी में डॉ. एम इलियास, डॉ. एम आजमी, श्रीप्रकाश मिश्र, श्रीनिवास यादव, प्राध्यापक जेपी पांडेय, डॉ. करुणेश ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए गतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। 

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