पुलिस महानिरीक्षक के. सत्यनारायण का आत्मचित्रम् और बलिया

पुलिस महानिरीक्षक के. सत्यनारायण का आत्मचित्रम् और बलिया


शिवदयाल पांडेय मनन
बैरिया, बलिया। वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक के. सत्यनारायण ने भारत सरकार से ज्ञानपीठ पुस्कार से सम्मानित कवि साहित्यकार डा केदारनाथ सिंह को अद्वितीय व अविस्मरणीय व साहित्य का धनी बताते हुए कहा है कि उनकी रचनाएं लोगों को सहज ही अपनी और आकर्षित करती है। सफलता के शीर्ष पर जाने के बावजूद केदारनाथ सिंह गांव, गरीब, गवई संस्कृति व सभ्यता की चिंता करते थे। ऐसा उनके रचनाओं से आभास होता है।

पुलिस महानिरीक्षक डा. केदारनाथ सिंह की 100 रचनाओं को तेलुगु भाषा में अनुवादित कर आत्मचित्रम् के नाम से लिखित पुस्तक के विमोचन के अवसर पर चकिया में कवि डा केदारनाथ सिंह के पैतृक आवास पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। पुलिस महानिरीक्षक ने अपने को केदारनाथ सिंह के रचनाओं के साथ हुए जुड़ाव पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि उनकी रचनाएं मेरे लिए बाइबिल, गीता व कुरान की तरह पवित्र है। उनकी रचनाओं से जुड़ाव भोलेनाथ की कृपा से हुआ या डा केदारनाथ सिंह के आशीर्वाद से कुछ ना कुछ तो है।

पुलिस महानिरीक्षक जब केदारनाथ सिंह के कविताओं से प्रभावित हुए, तब से उनके रचनाओं, कविताओं और उनके व्यक्तित्व के विषय में विधिवत अध्ययन करने के बाद उनकी कविताएं गौरैया का चेहरा, अकाल में सारस, एक पैर पर खड़ा हिमालय, तपती जमीन, सृष्टि पर पहरा सहित एक सौ रचनाओं का तेलुगु भाषा में अनुवाद कर उसे पुस्तक के रुप मे संकलित कर आत्मचित्रम् नामक पुस्तक लिखा, जो तेलुगू भाषा में काफी लोकप्रिय हुई है। 

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि सन् 2016 में मैं अन्य आईपीएस अधिकारियों के साथ लंदन प्रशिक्षण के लिए गया था। वहां मैंने कॉलेज के प्रोफेसर से कहा लंदन में कोई देखने लायक जगह है। तो मुझे दिखाने के लिए कोई गाइड दे दीजिए। वहां से गाइड हमें शेक्सपियर के गांव ले गया। जहां म्यूजियम बना था। गांव का काफी विकास हुआ था। कुछ उसी तरह का विकास अगर चकिया का हो जाए तो केदारनाथ सिंह के प्रति देश प्रदेश और लोगों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर वाराणसी से आए साहित्यकारों व प्रोफेसरों द्वारा के. सत्यनारायन द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया। 

पुस्तक का विमोचन करने वालों में प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रोफेसर इंदीवर पांडे, प्रोफेसर राम सुधार सिंह, प्रोफेसर कामेश्वर सिंह व कौशलेंद्र आदि साहित्यकार शामिल थे। इस अवसर पर वक्ताओं ने केदारनाथ सिंह के चरित्र, व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालने के साथ ही उनकी रचनाओं को तेलुगु में अनुवाद कर एक पुस्तक के रूप में संकलित कर उसे प्रकाशित कराने वाले पुलिस महा निरीक्षक के. सत्यनारायन के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। 

वक्ताओं ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक आंध्र प्रदेश के एक किसान परिवार के हैं। इनका भी डा केदारनाथ सिंह की तरह ही गांव, गिराव, किसान से काफी लगाव और जुड़ाव है। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक ने क्षेत्राधिकारी बैरिया उस्मान, एसएचओ बैरिया धर्मवीर सिंह सहित कई लोगों को अंगवस्त्रम ओड़ा कर पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में रामजी तिवारी, मोहन सिंह, हरिहर सिंह, शक्ति नाथ सिंह, रामजी सिंह, शैलेश सिंह, अरुण सिंह, हरेंद्र वर्मा, मनजी पासवान सहित दर्जनों लोगों ने पुलिस महानिरीक्षक व अन्य आगंतुकों का स्वागत किया। अध्यक्षता प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह व संचालन प्रोफेसर कामेश्वर सिंह ने किया। सुदिष्टपूरी महाविद्यालय के  प्रोफेसर एसके सिंह ने सरस्वती वंदना की।

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