नव वर्ष है, नई उमंगे, स्वागत है, अभिनंदन है....




बलिया। शहर के मिढ्ढी स्थिति संगीत संस्था 'म्यूजिक प्लानेट' के तत्वाधान में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजित कवि व संगीत गोष्ठी का आयोजन किया गया। आनंद वर्मा की सरस्वती वंदना 'वर दे, वीणावादिनी वर दे' से कार्यक्रम का आगाज हुआ। अध्यक्षता करते हुए प्रेमसुख श्रीवास्तव ने कहा कि गीत संगीत व कविता की प्रासंगिकता सदैव बनी रहेगी। समाज में इनका बड़ा योगदान है। ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए। युवा कवि श्वेतांक सिंह ने 'जो सफल होने फूलों की माला अवश्य पहनाना' सुनाकर गोष्ठी को रफ्तार दी।
साहित्य चेतना समाज के जिला सचिव कवि व साहित्यकार डॉ नवचंद्र तिवारी ने उमंग भरे नव वर्ष का स्वागत करते हुए सुनाया 'नव वर्ष है, नई उमंगे, स्वागत है, अभिनंदन है। ईश्वर सबको खुशहाल रखे,यही हमारी वंदन है' इस पर सभा तालियों से गूंज उठी।डॉ कादंबिनी सिंह ने 'वकालत झूठ की बेकार में करना नहीं आता' सुना कर महफिल को ऊंचाई दी। म्यूजिक प्लांट के संस्थापक व संगीत प्रशिक्षक डॉ अरविंद उपाध्याय ने 'नया साल खुशियों ले पैगाम लाया' सुनाया तो लोग झूम उठे।
डॉ फतेह चंद बेचैन के काव्य पाठ 'मजलूमों, बेसहारों की फंसी जिंदगी पार कर दो' सुनकर श्रोता भाव विभोर हुए तो जयप्रकाश यादव की रचना 'कलम के का दबा पाई कबो हथियार की ताकत' ने वाहवाही लूटी। गुलशन प्रजापत की लय सुर ताल से सजी 'तू माने या ना माने दिलदारा' सुखद अनुभूति का एहसास करा गई। इस अवसर पर राजन तिवारी, हैप्पी सिंह, अभिषेक दीपक यादव, काम्या, नेहा सिंह, रिंकी, पूजा यादव, इंजी जगदीश शर्मा, इंजी प्रभात उपाध्याय आदि थे। संचालन डॉ अरविंद उपाध्याय ने किया। आभार एडवोकेट विष्णुदत्त पांडेय ने किया।

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