बलिया : महत्वहीन साबित होता दिख रहा ग्राम पंचायत सदस्य का पद !

बलिया : महत्वहीन साबित होता दिख रहा ग्राम पंचायत सदस्य का पद !


शिवदयाल पांडेय मनन
बैरिया, बलिया। ग्राम पंचायतों में सदस्य का पद अब महत्वहीन साबित हो रहा है, क्योंकि क्षेत्र के अधिकांश ग्राम पंचायतों में सदस्यों को बैठक में ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा नहीं बुलाने की परंपरा बनती जा रही है। चर्चा तो यह भी है कि ग्राम प्रधान अपने पक्ष के ग्राम पंचायत सदस्यों के घर रजिस्टर भेजकर हस्ताक्षर करवा लेते हैं और उस पर कार्यवाही लिख ली जाती है। यह बात किसी एक ग्राम पंचायत विशेष की नहीं है, बल्कि विकासखंड मुरली छपरा, बैरिया, रेवती और बेलहरी के अधिकांश ग्राम पंचायतों की है। 

एक तरफ क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत की नियमित बैठक उनके अध्यक्षों की अध्यक्षता में होती है, जबकि ग्राम पंचायत में यह परंपरा किताबों की बात बन गई है। शायद यही कारण था कि पिछले चुनाव में भारी संख्या में ग्राम पंचायत सदस्यों का पद खाली रह गया था, जिसे उपचुनाव करा कर पंचायती राज विभाग को भरना पड़ा था। किसी भी व्यक्ति को ग्राम पंचायत सदस्य बनने में कोई दिलचस्पी नहीं रह गई है, क्योंकि उन्हें कोई पूछता ही नहीं है। 

इस बाबत आधा दर्जन प्रधानो से बात करने पर प्रधानो ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए अपना अपना कार्यवाही रजिस्टर दिखाते हुए कहा कि हम लोग नियमित बैठक करते हैं। किंतु ऐसा यथार्थ के धरातल पर होता नहीं है। इस संदर्भ में  पूछने पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत रितेश राय ने बताया कि हर जगह नियमित बैठक होती है। अगर कहीं से बैठक ना होकर कागजी कोरम पूरा करने की शिकायत मिलेगी तो उसके खिलाफ जांच करा कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

Related Posts

Post Comments

Comments

Latest News

महिला दरोगा और सिपाही रंगे हाथ गिरफ्तार महिला दरोगा और सिपाही रंगे हाथ गिरफ्तार
गाजियाबाद : मेरठ यूनिट की एंटी करप्शन टीम ने शनिवार को मुरादनगर थाना परिसर से पिंक बूथ चौकी प्रभारी और...
क्या कहते हैं आपके सितारे, पढ़ें 21 December का राशिफल
Ballia पुलिस को मिली सफलता : पॉक्सो एक्ट में वांछित अभियुक्त गिरफ्तार, अपहृता बरामद
बलिया में डीएम-एसपी ने सुनीं जनसमस्याएं, लापरवाही पर लेखपाल को प्रतिकूल प्रविष्टि
Renowned Sanskrit scholar and ritualistic priest Bachchan Pathak passes away
Ballia News : शिक्षक को पितृशोक, नहीं रहे संस्कृत के प्रकांड विद्वान एवं कर्मकांडी पंडित बच्चन पाठक
बिहारी बाबू को भा गई जापानी मैम मारिया, सास-ससुर के पैर छूकर बोली- हैलो