बलिया के शिक्षक की नजर में 'जिंदगी'
On



जिंदगी : एक सुखद एहसास
जीवन क्या-नदी की धारा
उतरुं पार जब लगे किनारा
सोचता हूं जब क्यों आए हमसब
इस दुनिया में करने को लीला
मिलता है उत्तर में जैसे
इंद्रधनुषी रंग हो हरा नीला पीला
सावन की फुहार जिंदगी
बहती इसमें रसधार जिंदगी
समझ सको तो समझो इसको
ना समझो मझधार जिंदगी
पंछी विचरे जैसे नील गगन में
ढूंढो खुशियां अपने घर आंगन में
जीवन मूल्य करो निर्वाह सभी
क्यों छोड़े हो कल पर
कर लो काम अभी
खुशियों का संसार
कहां से लाओगे
जीवन का श्रृंगार
कहां कर पाओगे
फूलों से सीखो
जीवन में भरने रंग
खिल उठेगा रोम रोम
हर अंग प्रत्यंग
मत भूलो संसार
दुखों का दरिया है
नटखट नागर नाम
भव सागर से पार
उतरने का जरिया है।
सुनील कुमार गुप्ता 'सागर'
शिक्षक, UPS बांसडीह, बलिया
Tags: Ballia News

Related Posts
Post Comments
Latest News
18 Sep 2025 15:16:12
बलिया : उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रांतीय कार्यकारणी के निर्देश पर जनपदीय इकाई ने टेट को लेकर...
Comments