बलिया में गोष्ठी : सिर्फ राजभाषा ही नहीं, राष्ट्रभाषा भी हो हिंदी
On




बलिया। हिंदी पखवारा समापन दिवस के अवसर पर रामपुर उदयभान स्थित पं केपी मिश्र संगीत मेमोरियल के कार्यालय में साहित्यिक सभा आयोजित हुई। इसमें वक्ताओं ने हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डाला। साथ ही हिंदी राजभाषा ही नहीं बल्कि राष्ट्र भाषा भी हो, इस पर चर्चा की।
इससे पहले साहित्यिक सभा की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन पंडित राजकुमार मिश्रा द्वारा मां सरस्वती की वंदना से शुरू हुआ। मुख्य अतिथि चंद्रशेखर उपाध्याय ने इसे रोटी की भाषा बताया। कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र के विचार व प्रयास आज भी प्रासंगिक है। हिंदी के बगैर देश का पूर्ण उत्थान संभव नहीं है। अध्यक्षता करते हुए शिवकुमार कौशिकेय ने हिंदी की व्यापकता, तरलता और उसके महत्व को रेखांकित किया। अशोक पत्रकार ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के प्रयास पर अपने विचार व्यक्त किए। संचालन करते हुए डॉ नवचंद्र तिवारी ने हिंदी के प्रति समर्पण भावना और इसकी उपयोगिता का आह्वान किया। कार्यक्रम में पूर्वांचल सांस्कृतिक प्रतिभा मंच द्वारा कवयित्री राधिका तिवारी, साहित्यकार शिवकुमार सिंह कोशिकेय, कवि व साहित्यकार डॉ नवचंद्र तिवारी को अंगवस्त्र व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
साहित्यकार व कवि के रूप में आए शिवजी पांडे रसराज, राधिका तिवारी, गोवर्धन भोजपुरी, बेचू राम कैलाशी, मोहन जी, फतेहचंद बेचैन, टीडी कालेज के संतोष कुमार, अमावस यादव, सुरेंद्र यादव 'सुकवार' ने अपनी रचनाओं से सबको प्रभावित किया। रश्मि पाल ने हारमोनियम पर गीत सुना कर सबका मन मोह लिया। मोहन जी श्रीवास्तव ने हिंदी के गौरव को बनाए रखने का संदेश दिया तो डॉ फतेहचंद बेचैन ने समस्त कार्य हिंदी में ही करने की मांग की। गोष्ठी में अदिति मिश्रा, पूनम यादव, वंदना मिश्रा, आदित्य मिश्रा, शांभवी पांडे, दीप्ति, वर्तिका, विपुल ठाकुर, अंबुज ओझा, आदित्य आदि थे।
Tags: Ballia News

Related Posts
Post Comments

Latest News
05 Dec 2025 20:17:13
बलिया : उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति की अध्यक्षता करते हुए सभापति किरण पाल कश्यप ने शुक्रवार...



Comments