मोदी-योगी समेत बुआ और बबुआ के लिए भी अहम हुई सलेमपुर लोकसभा सीट

मोदी-योगी समेत बुआ और बबुआ के लिए भी अहम हुई सलेमपुर लोकसभा सीट



मनियर (बलिया)। जैसे जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है वैसे ही इस चुनावी महा समर में प्रत्याशियों सहित उनके समर्थकों व पार्टी दिग्गजों के लिए भी परीक्षा की घड़ी नजदीक आ रही है। यूं तो मतगणना तिथि तक सबकी आंखें अर्जुन की तरह परिणाम पर टिकी रहेगी परंतु विश्लेषकों की मानें तो प्रत्याशियों सहित संबंधित पार्टी के तमाम बड़े चेहरों की  प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी रहेगी। बात सलेमपुर लोकसभा सीट की करें तो यह ना केवल भाजपा बल्कि गठबंधन सहित कांग्रेस के लिए भी कई मामलों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जानकारों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूर्वांचल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता के बूते देश की महापंचायत के चुनावी समर में कमल का रास्ता  सुगम बनाने में कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते है। लोक सभा चुनाव 2014 की मोदी लहर कि तरह फिर से बडे़ बड़े दिग्गजों के धराशाई करने की अपेक्षा के साथ इस बार और अधिक मत मिलने के दावे के साथ सरकार बनाने की दावा कर रही है। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के बाद विपक्ष भी पूर्व की अपेक्षा खुद को बेहतर स्थिति मान रहा है सलेमपुर लोकसभा सीट पर चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसी लोकसभा के अंतर्गत बांसडीह विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे हैं हालिया समय में समाजवादी पार्टी ने उनके बढ़े हुए कद ने पार्टी सहित  उनके समर्थकों  को और अधिक प्रभावी बनने में सहायता दी है वहीं दूसरी ओर हाथी की चाल भी विश्लेषकों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है हाथी व साइकिल की मिली-जुली सवारी के साथ यहां अन्य पार्टी के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी भी दांव पर लगी हुई है यही कारण है कि सभी पार्टियां इस महा समर में अपनी पूरी ताकत झोंकने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है।

 चर्चाओं के अनुसार ना केवल भाजपा बल्कि महागठबंधन ने भी यहां जातिगत वोटों की संख्या को एक प्रमुख आधार मानते हुए अपने अपने प्रत्याशियों के नाम पर अंतिम मुहर लगाई है ऐसी परिस्थिति में जीत का सेहरा किसके सिर पर बन्धता है वह तो 23 मई को ही स्पष्ट हो पाएगा परंतु नए चेहरे के साथ कांग्रेस भी यहां पिछले चुनाव की अपेक्षा मजबूत स्थिति की दावेदारी प्रस्तुत कर रही है। लोगों की माने तो सलेमपुर लोकसभा में ब्राह्मण मतदाताओं की  संख्या यहां दूसरे स्थान पर है जिसको कांग्रेस  पार्टी अपने पार्टी उम्मीदवार  के पक्ष में मत मानकर जीत दर्ज करा रही है। इन सबसे इतर भाजपा से अलग हो चुनावी ताल ठोक रहे सुभासपा पार्टी के लिए भी यहां अग्नि परीक्षा कम नहीं आंकी जा रही है कारण की पार्टी अध्यक्ष के पुत्र यहां बांसडीह विधानसभा से पिछला विधान सभा चुनाव लड़ चुके हैं हालांकि तब निर्दलीय केतकी सिंह कई राजनीतिक विश्लेषकों को ध्वस्त करते हुए जीत से कुछ कदम ही दूर रह गई थी। पर इस बार पार्टी ने उनकी उपस्थिति यहां पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों का उत्साह बनाए हुए हैं जिसका असर कमल पर निश्चित रूप से पड़ता माना जा रहा है।

रिपोर्ट राम मिलन तिवारी

Related Posts

Post Comments

Comments

Latest News

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद बलिया के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश पांडेय को मातृशोक राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद बलिया के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश पांडेय को मातृशोक
बलिया : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश पांडे की माता जी दुनिया में नहीं रही। उन्होंने सोमवार...
बलिया में प्रधानाध्यापिका के खिलाफ शिक्षिका, प्रधान और अभिभावकों ने लिखा पत्र
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक आज बलिया में, रहेगा रूट डायवर्जन
कैसा रहेगा अपना Monday, पढ़ें 8 दिसम्बर का राशिफल
National Wrestling Competition in Ballia : बलिया स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मानकों पर कुश्ती, जानिएं डिटेल्स
Ballia News : एमटीसीएस में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, 557 बच्चों ने लिया भाग
Transfer List of Ballia Police : बलिया SP ने 21 पुलिसकर्मियों को दी नई तैनाती