देवदूत बनकर सामने आए पुलिस अफसर, दर्द से तड़प रहीं दो महिलाओं को मिली मंजिल
By Purvanchal24
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झांसी। उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन की मुसीबतों के बीच झांसी में पुलिस का मानवीय चेहरा उस समय देखने को मिला, जब दो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान दर्द से तड़प रहीं थीं। इस दौरान आईजी रेंज सुभाष सिंह बघेल ने आगे आकर उनकी मदद की, जिसकी वजह से एक महिला की सफल डिलीवरी हो सकी, जबकि दूसरी अपनी मंजिल तक पहुंच चुकी है। बघेल पहले भी लॉक डाउन के दौरान कई बुजुर्गों और जरूरतमंदों के लिए खाने की व्यवस्था पहले ही कर चुके हैं।
दरअसल बीते 2 दिन पहले जौनपुर के रहने वाले कृष्ण विश्वकर्मा लॉकडाउन के चलते काम बंद हो जाने की वजह से मुंबई से प्रेग्नेंट पत्नी रुकमणी को लेकर ट्रक से अपने घर जा रहे थे। रास्ते में रुकमिणी के पेट में असहनीय दर्द होने लगा। जैसे ही ट्रक जालौन के एट टोल प्लाजा पर पहुंचा तो पुलिस को देख कर कृष्ण विश्वकर्मा ने मदद मांगी। संयोग से आईजी सुभाष सिंह बघेल वहां पुलिस वालों को दिशा निर्देश दे रहे थे। तभी उनको रुकमिणी की तबीयत खराब होने के बारे में पता चला।
मेडिकल कॉलेज में महिला का कराया गया प्रसव
आईजी ने बगैर देर किए पहले उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया और उसके तुरंत बाद झांसी मेडिकल कॉलेज भर्ती करवा दिया। झांसी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान प्रवासी मजदूर दंपत्ति की देखरेख के लिए विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज की ड्यूटी लगाई गई। 2 दिन बाद उस महिला की सफलतापूर्वक डिलीवरी हो गई और उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। रुकमिणी के पति कृष्ण विश्वकर्मा ने सुभाष सिंह बघेल का आभार व्यक्त किया। इतना ही नहीं आईजी सुभाष सिंह बघेल द्वारा प्रवासी मजदूर दंपत्ति को उनके घर तक भिजवाने की व्यवस्था की जा रही है।
वहीं, दूसरा मामला ललितपुर जनपद के तालबेहट का है। यहां से एक प्रेग्नेंट महिला ने पुलिस को ट्वीट कर कर जानकारी दी कि उसे अपनी मां के पास जाना है। आईजी ने ट्विटर पर आए रिक्वेस्ट मैसेज को गंभीरता से लेते हुए तुरंत संबंधित थाने की पुलिस उस महिला के घर पहुंचाई। महिला की आपबीती सुनने के बाद डीएम ललितपुर से संपर्क करके उसे यात्रा पास दिलवाया और खुद एक प्राइवेट गाड़ी की व्यवस्था करवा कर सकुशल भोपाल उसकी मां के पास पहुंचा दिया गया।
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