महाराष्ट्र हादसा : रेलवे ट्रैक पर बिखर गई रोटियां, मर गई 'भूख'
On
औरंगाबाद। Lockdown की वजह से जालना की सरिया फैक्ट्री बंद हो गयी। फिर रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए। किसी तरह महीनाभर सामाजिक संगठनों और सरकार के भरोसे काम चला।
न रहा गया तो मध्य प्रदेश के 20 मजदूर रेलवे ट्रैक से सफर पर निकल पड़े। पास कुछ था तो सिर्फ रोटियां और एक टिफिन चटनी। मजदूरों ने सोचा, घर पहुंच जाएंगे। सभी की उम्र 21 से 45 साल के बीच थी। कुछ शहडोल के थे तो कुछ कटनी के। औरंगाबाद जिले के करमाड तक पहुंचे तो रात गहरी हो चली थी। सोचा, खाना खाकर कुछ आराम कर लिया जाए।
इसी जत्थे में शामिल सज्जन सिंह बच गए। कहते हैं, “भूख लगी थी साहब। ट्रैक पर ही बैठकर खाना खाने लगे। हमें वो साफ और सुरक्षित लगा। खाना खत्म हुआ। कुछ चाहते थे कि सफर फिर शुरू किया जाए। कुछ का दिल कर रहा था कि थोड़ा सुस्ता लिया जाए। सहमति आराम करने पर बनी। भूखे पेट को रोटी मिली थी। इसलिए, पटरी का सिरहाना और गिट्टियां भी नहीं अखरीं। सो गए। नींद खुली तो भयानक मंजर था। मेरे करीब इंटरलाल सो रहा था। उसने मुझे खींच लिया। मैं जिंदा हूं।”
सज्जन कहते हैं, “आंख खुली तो होश आया। देखा मेरा बैग ट्रेन में उलझकर जा रहा है। हमने सोचा था कि ट्रेनें तो बंद हैं। इसलिए, ट्रैक पर कोई गाड़ी नहीं आएगी। आसपास झाड़ियां थीं। लिहाजा, ट्रैक पर ही झपकी का ख्याल आया। ट्रेन जब रुकी तब तक तो सब खत्म हो चुका था। 16 साथियों के क्षत विक्षत शव ट्रैक पर पड़े थे। किसी को पहचान पाना मुश्किल था।”
Tags: औरंगाबाद
Related Posts
Post Comments
Latest News
बलिया : 6 माह बाद मिला प्राथमिक विद्यालय से गायब 10 वर्षीय बालक, खुशी से छलके परिजनों के आंसू
29 Mar 2024 19:22:44
बैरिया, बलिया : विद्यालय से गायब 10 वर्षीय बालक 6 महीना बाद बिहार के कटिहार में फल की दुकान पर...
Comments