संगीत की दुनिया में एक अलग पहचान बनी सुनीता, फेसबुक पेज पर 55 हजार फॉलोअर
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बलिया। शहर से सटे पीपरपाती (रघुनाथपुर) गांव में जन्मी सुनीता पाठक पिछले अपनी गीतों के माध्यम से संगीत की दुनिया में एक अलग पहचान बना चुकी है। अभी कुछ दिन पहले ही सुनीता पाठक को अखिल भारतीय लोक परम्परा विकास परिषद बलिया का सदस्य भी बनाया गया है। कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी इस स्वर कोकिला को भारत सरकार द्वारा स्कालरशिप अवार्ड से भी आच्छादित है।
साहित्यिक भोजपुरी गीतों के लिए इन्हें 'विद्या वाचस्पति', 'विद्या सागर' नारी शक्ति सम्मान, भोजपुरी रत्न महेंद्र मिश्रा सम्मान, कवयित्री उर्मिला कौल पुरस्कार, भिखारी ठाकुर सम्मान, भोजपुरी भूषण सम्मान, ग्राम गौरव सम्मान आदि मिल चुका है। भोजपुरी फिल्मों के साथ-साथ सुश्री सुनीता पाठक देश के कई राज्यो में स्टेज शो भी कर चुकी हैं।
महिलाओं की उत्थान के लिए 'अपरिमिता' नाम की साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान भी चलाने वाली सुनीता पाठक के फेसबुक पेज से 55 हजार फॉलोअर जुड़ गए हैं। कोरोना काल में सुप्रसिद्ध लोक गीत गायिका सुनीता पाठक प्रतिदिन अपने फेसबुक पेज से लाइव होकर अपनी गीतों के माध्यम से लोगों को तनाव मुक्त करने की कोशिश करती है।
सुनीता पाठक भजन, देवी गीत, सोहर गीत, विवाह की सभी विधियों के पारम्परिक गीत, कजरी, हिन्दी व देश भक्ति आदि लोगों के मन को छू लेने वाली गीत प्रस्तुत करती हैं। देश के अलग-अलग राज्यों व विदेश में रह रहे हिन्दी व भोजपुरी भाषी लोग इनके लाइव सेशन में जुड़कर अपने आपको तनाव मुक्त महसूस करते है। सुनीता पाठक भारत सरकार द्वारा कोरोना से बचाव संबंधी जारी सूचना व नियमों के पालन हेतु प्रतिदिन अपने सभी श्रोताओं को अवगत कराते रहती हैं।
आजकल अपने फेसबुक पेज के अलावा प्रतिदिन किसी न किसी अलग अलग फेसबुक पेज से भी लाइव आकर लोगों का मनोरंजन कर बधाई व शुभकामनाएं बटोर रही हैं। सुनीता पाठक आज कल अपने संस्था के फेसबुक पेज पर शाम को चार बजे से अलग अलग कलाकारों को आमंत्रित कर लोगो को सावन की गीतों से रूबरू करा रही है।
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