कोरोना ने तोड़े इन युवक-युवतियों के सपने, अधूरी रह गई प्लानिंग

कोरोना ने तोड़े इन युवक-युवतियों के सपने, अधूरी रह गई प्लानिंग



बलिया। लंबे समय से शादी का सपना सजाकर बैठे सैकड़ों युवक-युवतियों के सात फेरों पर कोरोना वायरस ने पानी फेर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए तीन मई तक लाकडाउन-2 की घोषणा का सीधा असर फिलहाल आगामी दिनों में आयोजित होने वाले मांगलिक कार्यों पर पड़ा है।

सनातन धर्म में करीब एक महीने लंबे खरमास के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत की परंपरा रही है। मंगलवार को खरमास के समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्यो के लिए शुभ लगन शुरू होने के बाद भी इस साल कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के चलते इन मांगलिक कार्यो पर भी कोरोना की काली छाया पड़ गई है। मैरिज लान, बैंड-बाजा, सजावट समेत कैटरिंग आदि बिजनेस पर 'लॉक' लग गया है। अप्रैल व मई महीने में शादी-ब्याह के इस मौसम में अब शादियों की तिथियां रद्द होने लगी हैं। लॉकडाउन बढ़ने और शादियों के टलने के बाद वर-वधू पक्षों समेत कैटर्स, डेकोरेटर्स, ज्वेलर्स, हलवाई, बैंडबाजा वाले सभी निराश हैं।

वैश्विक महामारी Novel Coronavirus क्षेत्र में आयोजित होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों पर भी सीधा असर डाला है। इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगता है कि 14 अप्रैल से 17 जून तक जनपद में होने वाले करीब 500 से अधिक विवाह के पवित्र बंधनों को परिवार के लोग इस विपदा की घड़ी में अब नवंबर-दिसंबर तक टालने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। इसके लिए पूर्व से निर्धारित विवाह की तिथि अब रद्द की जा रही है। विवाह कार्य में बैंडवाले, हलवाई, कारीगर, डेकोरेशन, फूल सजावट वाले को जो अग्रिम राशि दी गई थी, उसे संबंधित पक्षों को लौटाने का दवाब भी पड़ रहा है। कोरोना वायरस की जंग जीतने के लिए प्रभावी लॉकडाउन ने मैरेज लाॅन और मांगलिक कार्यों से सीधे जुड़े व्यवसाइयों की कमर तोड़ दी है। वर्तमान अप्रैल और आगामी मई माह की शादियां स्थगित हो रहीं हैं। इससें व्यवसाइयों और शादी वाले परिवार व्यथित हो चले हैं। 

चिंतित हैं शादियों वाले परिवार के लोग

प्रभावी लॉकडाउन से सभी तरह की परिवहन सेवाएं ठप है। लोगों का आना-जाना बंद है। ऐसे में लोग घर तक पहुंच नहीं पा रहे हैं। जिसके कारण शादी विवाह वाले परिवारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। शादियों के तय दिनों का कार्यक्रम स्थगित किया जा रहा है। शादियों की तिथियों में फेरबदल किया जा रहा है। लोगों को शादी कार्यक्रम स्थगित होने के साथ बुकिंग में खर्च हुई धनराशि की भरपाई कर पाने की भी चिंता है।

17 जून के बाद नवंबर में हैं मुहूर्त

इस बारे में पं. कपिन्द्र मिश्र ने बताया कि पंचाग के अनुसार विवाह का शुभ मुहूर्त 15 अप्रैल से लेकर 17 जून तक है। कोरोना के चलते 3 मई तक घोषित लाकडाउन-2 के दिनों में परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने से लोग विवाह की तिथियां आगे टाल रहे हैं। जिसके कारण शुभ कार्यों का मुहूर्त सीधे नवंबर में आएगा।



भोला प्रसाद












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