बलिया की ये महिला शिक्षामित्र ऐसे दे रही कोरोना को मात

बलिया की ये महिला शिक्षामित्र ऐसे दे रही कोरोना को मात

                              डिम्पल सिंह 

बलिया। वैश्विक महामारी कोरोना से जंग जीतने के लिए धरती का प्रत्येक मानव योद्धा बनकर लड़ रहा है। लोग अपने और अपनों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन योद्घाओं के बीच कुछ ऐसे भी हैं, जो अपने और अपनों के साथ ही समाज की पीड़ा कम करने के लिए अपने सामर्थ्य के मुताबिक  सहभागिता कर रहे हैं।

इसी पंक्ति में खड़ी है बलिया की शिक्षामित्र डिम्पल सिंह और अंजू सिंह। डिम्पल दुबहड़ ब्लाक के प्राइमरी स्कूल दादा के छपरा पर तैनात है, जबकि अंजू शिक्षा क्षेत्र रसड़ा के प्रावि अमहर पट्टी दक्षिणी पर। ये करीब 15 दिनों से कपड़े का मास्क बनाकर जरूरतमंदों में बांट रही हैं। अब उन्होंने मास्क बनाकर अपने विभाग के मुखिया जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए दोनों 100-100 सौ से अधिक मास्क बना चुकी हैं।

       अंजू सिंह

डिम्पल ने कहा कि यह महसूस हुआ कि इस महामारी में उन्हें भी समाज व देश के लिए कुछ करना चाहिए। ऐसे भी लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद चल रहे हैं। उन्होंने मास्क बनाने का निर्णय लिया। दुकानें बंद थी, इसलिए शुरूआत में घर में मौजूद कपड़ों से ही मास्क बनाकर घर के आसपास के कुछ लोगों को दिया। करीब एक सप्ताह पहले कपड़े, धागे आदि की व्यवस्था होने के बाद व्यापक स्तर पर मास्क बनाने का विचार मन में आया। उन्होंने कहा जितना अधिक से अधिक संभव होगा, उतना मास्क तैयार करके जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को देंगी, ताकि जरूरतमंदों तक पहुंच सके। वही, अंजू सिंह मास्क बनाकर जरूरतमंदों में बांट रही है। उनका कहना है कि इस आपदा में वह यह नेक काम कर खुद को धन्य समझ रही है। 

मात्र दस हजार रूपये महीने की पगार पर काम करने वाली डिम्पल और अंजू के लिए यह काम इतना आसान भी नहीं है, लेकिन वे पैसे को बांधा नहीं मानती हैं। उनका कहना कि चाह है तो राह मिल ही जायेगी। वे अन्य महिला शिक्षा मित्रों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनकी प्रेरणा से कुछ और शिक्षा मित्रों ने भी मास्क बनाना शुरू कर दिया है।

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