बलिया : गया में श्राद्ध कर्म और पिंडदान के लिए रवाना हुए लोग

बलिया : गया में श्राद्ध कर्म और पिंडदान के लिए रवाना हुए लोग

लक्ष्मणपुर, बलिया : देशभर में श्राद्ध कर्म और पिंडदान के लिए 55 स्थानों को महत्वपूर्ण माना गया है, जिसमें बिहार के गया का स्थान सर्वोपरि माना गया है। गया में श्राद्ध कर्म, तर्पण विधि और पिंडदान करने के बाद कुछ भी शेष नहीं रह जाता है। यहां से व्यक्ति पितृऋण से मुक्त हो जाता है। गया का महत्व इसी से पता चलता है कि फल्गु नदी के तट पर भगवान राम और माता सीता ने राजा दशरथ की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए यहीं पर श्राद्ध कर्म और पिंडदान किया था। साथ ही महाभारत काल में पांडवों ने भी इसी स्थान पर श्राद्ध कर्म किया था।

पितृपक्ष में गया में तर्पण व पिण्डदान के लिए देश भर से लोग पहुंचते है। इसी क्रम में मंगलवार को पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए लक्ष्मणपुर (नरही) क्षेत्र से सैकड़ों लोग गया (बिहार) के लिए रवाना हुए। पलिया खास बड़काखेत से रामदुलार चौधरी, सुमेर यादव, राज नारायण यादव, सुमित्रा देवी, सहजानंद यादव, फूलमती देवी, रामजी यादव, पन्ना देवी, रमेश यादव, मुन्नी देवी, राम अवतार यादव, शकुंतला देवी ने गाजे बाजे के साथ गांव का भ्रमण किया। इनके पीछे सैकड़ों लोग चल रहे थे। गांव भ्रमण के बाद सभी बस से गया के लिए रवाना हो गए।

पवन कुमार यादव

यह भी पढ़े 18 August ka Rashifal : कैसा रहेगा अपना सोमवार, पढ़ें आज का राशिफल

Post Comments

Comments

Latest News

शिक्षकों के लिए खुशखबरी : TET की अनिवार्यता पर सीएम योगी का बड़ा फैसला शिक्षकों के लिए खुशखबरी : TET की अनिवार्यता पर सीएम योगी का बड़ा फैसला
लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने प्रदेश के लाखों शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी है। आदेश के अनुसार,...
16 September ka Rashifal : कैसा रहेगा अपना मंगलवार, पढ़ें आज का राशिफल
बलिया में TET की अनिवार्यता के खिलाफ जंग की बनीं रणनीति
Ballia News : डूबने से बालक की मौत, Road Accident में गई युवक की जान
बलिया में शहादत दिवस पर नम आंखों से दी गई शहीद बृजेंद्र बहादुर सिंह को श्रद्धांजलि
बलिया में दो अक्टूबर तक चलेगा स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान, 'आधी आबादी' को मिलेगा कई लाभ
टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ विशिष्ठ बीटीसी शिक्षक एसोसिएशन ने बलिया में भरी हुंकार