Ballia News : बलिया में सहायक अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज, 50 लाख से जुड़ा है मामला
बलिया : अधिशासी अभियन्ता (निर्माण खण्ड) उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) पीयूष मौर्य की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने सहायक अभियन्ता अंकुर श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सहायक अभियन्ता पर अनियमित रूप से 50 लाख की सामग्री बेचे जाने का आरोप है।
अधिशासी अभियन्ता (निर्माण खण्ड) ने पुलिस को दिये तहरीर में कहा है कि अंकुर श्रीवास्तव, सहायक अभियन्ता/प्रभारी अधिशासी अभियन्ता द्वारा कार्यालय अधिशासी अभियन्ता (निर्माण खण्ड) उ.प्र. जल निगम (नगरीय) बलिया में अधिशासी अभियन्ता में तैनाती के दौरान अनियमित रूप से 07 फर्मों (तहरीर में सभी फर्मो का नाम दिया गया है) को अनियमित एवं नियम विरुद्ध रूप से सामग्री उपलब्ध करायी गयी, जिसकी लागत लगभग रुपये 50 लाख के आसपास है।
उक्त फर्मों को अंकुर श्रीवास्तव द्वारा बिना किसी शासनादेश, विभागीय आदेश/ उच्चाधिकारियों की अनुमति प्राप्त किये सामग्रियां उपलब्ध करायी गयी है। प्रकरण में जिलाधिकारी, बलिया द्वाराउपलब्ध करायी गयी जांच आख्यानुसार जांच समिति को अंकुर श्रीवास्तव द्वारा अवगत कराया गया है कि उक्त फर्मों को प्रश्नगत सामग्री उपलब्ध कराने हेतु कोई शासनादेश अथवा लिखित आदेश / निर्देश निर्गत नहीं है। इनके द्वारा उक्त फर्मों को उपलब्ध कराये गये सामग्रियों का समायोजन संबंधी कोई अभिलेख या अन्य अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये गये।
इसके अतिरिक्त फर्मों द्वारा प्राप्त किये गये सामग्रियों को प्रयोग /उपयोग किये जाने अथवा नही किये जाने एवं फर्मों के सामग्री सहित अनुबन्ध होने से योजना में प्रस्तावित सामग्री का भुगतान की अद्यतन जानकारी करने पर अंकुर श्रीवास्तव द्वारा कोई भी अभिलेख/सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी, जिससे सन्देहास्पद स्थिति उत्पन्न हुई। यह स्पष्ट हुआ कि श्री श्रीवास्तव द्वारा बिना किसी आदेश व प्रक्रिया अपनाये अपने इच्छित फर्मों को मनमाने तौर पर सामाग्रियों को उपलब्ध कराया गया। अंकुर श्रीवास्तव द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए किये गये अपव्यय एवं नियम विरुद्ध अनियमित कृत्य के फलस्वरूप उ.प्र. जल निगम (नगरीय) को लगभग 50 लाख रुप्ये की आर्थिक छति पहुंची है, जिसके लिए अंकुर श्रीवास्तव उत्तरदायी परिलक्षित होते हैं।
अंकुर श्रीवास्तव, सहायक अभियंता / प्रभारी अधिशासी अभियंता द्वारा पदजनित कर्तव्यों एवं दायित्वों का सम्यक निर्वहन न करते हुए शासकीय धनराशि का दुर्विनियोग किया गया तथा बिना किसी शासनादेश, विभागीय आदेश / उच्चाधिकारियों की अनुमति प्राप्त किये नियम विरुद्ध रूप से लगभग 50.00 लाख रूपये की सामग्री बेचकर विभाग को शासकीय क्षति पहुंचायी, जिससे विभाग की छवि धुमिल हुई है। उनका यह कृत्य वित्तीय अनियमितता के साथ ही अपराधिक कृत्यों का भी है।
प्रबन्ध निदेशक द्वारा 17. 08.2024 को की गयी समीक्षा बैठक के बिन्दु संख्या-14 के उप प्रस्तर-14.1 में अपचारी अधिकारी के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कराने हेतु निर्देश दिये गये हैं। वहीं, मुख्य अभियन्ता (अ-2), उ.प्र. जल निगम (नगरीय) लखनऊ द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में अंकुर श्रीवास्तव, सहायक अभियन्ता के विरुद्ध उक्त के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कृत्य कार्यवाही की सूचना तत्काल अधोहस्ताक्षरी को सूचित करने का कष्ट करें, ताकि कृत्य कार्यवाही से उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया जा सकें। तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 316 (5) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया।
रोहित सिंह मिथिलेश
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