बलिया : यह किसी फिल्मी गीत की पंक्ति नहीं, बच्चों के अर्न्तमन से निकली आवाज है

बलिया : यह किसी फिल्मी गीत की पंक्ति नहीं, बच्चों के अर्न्तमन से निकली आवाज है


बलिया। 'झालर नहीं लगाएंगे, मिट्टी के दिए जलाएंगे...' यह किसी फिल्मी गीत की पंक्ति नहीं, बल्कि बच्चों के अर्न्तमन की आवाज है। दीपावली की तैयारी में जुटे बलिया के बच्चों ने गीत के माध्यम से समाज को भी सन्देश दिया है कि 'इस दीवाली झालर नहीं, मिट्टी के दिए जलाएं।' दीया भारतीय संस्कृति की पहचान है। कुम्हार कड़ी मेहनत कर दीए बनाते है। कुम्हारों का जीवन भी हम सभी पर निर्भर है। दीए खरीदने से कुम्हारों की दीपावली भी खुशियों से भर जाती है।


यूं तो रंग बिरंगे झालर का प्रचलन हो चला है, पर मिट्टी के दीयों से मन में शीतलता और शांति का जो आभास होता है, उसकी कल्पना मात्र से दिल रोमांचित हो उठता है।बलिया के कुछ बच्चों ने इस दीपावली को कुछ अनूठे अंदाज में मनाने का फैसला लिया है। 


बच्चो ने गीत के माध्यम से अपील किया है कि इस बार दीपावली में 'झालर नहींं लगाएंगे-मिट्टी के दिए जलाएंगे।' बच्चो का कहना है कि झालर लगाना तो आसान है, पर इससे बिजली की खपत ज्यादा होती है। वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं, मिट्टी के दीयों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता। सभी किट फतन्गे दिए की रोशनी की तरफ आकर्षित होते है।

Related Posts

Post Comments

Comments

Latest News

सुहागरात पर खुल गई दूल्हे की पोल, चौथे दिन दुल्हन ने मांगा तलाक सुहागरात पर खुल गई दूल्हे की पोल, चौथे दिन दुल्हन ने मांगा तलाक
Gorkhpur News : सहजनवा क्षेत्र से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। विवाह कर ससुराल पहुंची नव विवाहिता का पति...
10, 14 और 17 दिसम्बर को बदले रूट से चलेगी कोलकाता-गोरखपुर एक्सप्रेस
आज वाया बलिया, गाजीपुर चलेगी यह विशेष ट्रेन, देखें समय सारिणी
कैसा रहेगा अपना बुधवार, पढ़ें 10 दिसम्बर का Rashifal
बलिया में दो बाइकों की टक्कर, पूर्व विधायक के पुत्र की मौत
69वीं राष्ट्रीय विद्यालयी कुश्ती प्रतियोगिता : हरियाणा की बालिका पहलवानों के नाम रहा मंगलवार, जीते दो स्वर्ण
बलिया में प्रेमी ने उठाया खौफनाक कदम, प्रेमिका के सामने जहर खाकर दी जान