नहीं रहे वार के 'थ्री स्टार' से सम्मानित बलिया के योद्धा श्रीपंडित

नहीं रहे वार के 'थ्री स्टार' से सम्मानित बलिया के योद्धा श्रीपंडित


बलिया। थल सेना से अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट रामनिवास पाण्डेय उर्फ श्रीपंडित ने मंगलवार की देर रात प्रयाग में अंतिम सांस ली। 95 वर्षीय श्रीपंडित का इलाज प्रयाग के निजी अस्पताल में चल रहा था। वह आजादी के बाद भारत के साथ हुए तीनों युद्ध में भाग लिए थे। उनके पास 1962, 1965 व 1971 के वार के तीनों स्टार थे।
हल्दी थाना अंतर्गत पंडितपुरा गांव के निवासी श्री पंडित का जन्म दिसंबर 1928 में हुआ था। उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा जिले के गवर्नमेंट स्कूल से पास की थी । उस समय गणित की परीक्षा में सौ में सौ नंबर मिला था। 1948 में उन्होंने थल सेना में नौकरी शुरू की और 1976 में वह अधिकारी बनकर सेना से अवकाश प्राप्त किए। सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने अपना जीवन यापन किया। धार्मिक साहित्यों, गणित, इतिहास व भूगोल में उनकी मजबूत पकड़ थी। 31 अक्टूबर को तबीयत खराब होने पर उन्हें प्रयाग के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें लखनऊ ले जाया गया। वहां से वापस प्रयाग लाया गया, जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। प्रयाग से उनके पार्थिव शरीर को  पैतृक गांव पंडितपुरा लाया गया। पचरुखिया गंगा तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी पत्नी का निधन पहले ही हो चुका था। मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र परशुराम पाण्डेय ने दी। वे अपने पीछे दो पुत्रों और दो पुत्रियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

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