बलिया : चकबंदी को लेकर गांव में खड़ा हुआ पक्ष-विपक्ष, फिर...
बिल्थरारोड, बलिया। क्षेत्र के चन्दाडीह ग्राम सभा में चकबन्दी कराने के लिए जिलाधिकारी के आदेश पर सोमवार को चकबन्दी अधिकारी उमाशंकर के नेतृत्व में प्राथमिक विद्यालय चन्दाडीह पर खुली बैठक की गई। चकबंदी अधिकारी उमाशंकर द्वारा नियम के विरुद्ध बात कहने पर बड़े काश्तकारों ने विरोध करते हुए चकबन्दी निरस्त करने की मांग किया। उनका कहना था कि हम लोग के खेत का रकबा भी अधिक है। इसके बाद काश्तकारो ने हंगामा कर दिया। इससे बैठक में अफरा-तफरी मच गयी, लिहाजा बिना बैठक ही चकबन्दी अधिकारी चले गए। क्षेत्र के चन्दाडीह ग्राम सभा में चकबन्दी करने को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी के आदेश पर चकबन्दी अधिकारी उमाशंकर, सहायक चकबन्दी अधिकारी भागवत सिंह, सुरेश, लेखपाल रविन्द्र कुमार द्वारा चन्दाडीह प्राथमिक विद्यालय पर खुली बैठ आयोजित की गई। चकबन्दी कराने के विरोध में गांव के पुरे रकबे का 80 प्रतिशत काश्तकार थे, जबकि पक्ष में छोटे काश्तकारों ने हस्ताक्षर किया। इसके अलावा जिनके नाम खेत भी नही है, उन महिलाओ और पुरुषों को ग्राम प्रधान द्वारा बैठक में बुलाया गया था। बड़े काश्तकारों का कहना है कि चकबन्दी नही होनी चाहिए। इसको लेकर पत्रक देने वालो में सदानन्द मिश्र, धनन्जय मणि तिवारी, राजकुमार राजभर, ओमकार तिवारी, अवधेश मिश्र, जयप्रकाश मिश्र, सुबास मिश्र, श्यामनन्द मिश्र, अनिरुद्द मिश्र, विनय मिश्र, बब्बन पाण्डेय, विनय तिवारी, राजेन्द्र मिश्र, पारस मिश्र, भुनेश्वर मिश्र, सत्यनारायण मिश्र, केदार मिश्र, विजयशंकर मिश्र, सुशील मिश्र, सन्तोष मिश्र, अयोध्या पाण्डेय, रामहरख मिश्र, कृष्णानन्द मिश्र, विशाल मणि तिवारी, विनय मिश्र, चन्द्रशेखर मिश्र , चन्द्रहास वर्मा, संजय पाण्डेय, बब्बन पाण्डेय, रंगनाथ वर्मा आदि सहित भारी संख्या में किसानों ने चकबन्दी करने का विरोध जताते हुए लगभग 500 एकड़ रकबा के साथ हस्ताक्षर कर पत्रक दिया। वहीं, चकबन्दी कराने के पक्ष में काश्तकारों का लगभग 60 एकड़ रकबा है। चकबन्दी का विरोध करने वाले काश्तकारों द्वारा दिए गए पत्र में उल्लेख किया कि यह पूर्व प्रधान की राजनीतिक साजिश द्वारा चकबन्दी का आदेश हुआ है। हमारे यहां 45 एकड़ ग्रामसमाज की जमीन, गड़ही, खेत में जाने के रास्ते सभी उपलब्ध है। हमारे यहां पहले चकबन्दी भी हुआ है। धारा 52 का प्रकाशन भी चुका है। सभी काश्तकार अपने जमीन पर काबिज भी है। ऐसे में चकबन्दी नही होना चाहिए। खुली बैठक में चकबन्दी अधिकारी के सामने चकबंदी न कराने की मांग करने वाले बड़े काश्तकारों का आरोप था कि पूर्व प्रधान स्व. केशव वर्मा द्वारा लगभग 4 दर्जन से अधिक लोगों से पट्टे के नाम पर लाखों रुपया गया है। इनके मृत होने पर त्रिस्तरीय कमेटी से उनके ही पटीदार की महिला सदस्य प्रधान है।
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