बलिया : जीवित्पुत्रिका व्रत के बावजूद कर्तव्यपथ पर डटी रही ये महिलाकर्मी




सिकन्दरपुर, बलिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रविवार (18 सितम्बर) को पल्स पोलियो अभियान शुरू हो गया, जो 26 सितम्बर तक चलेगा। इस अभियान के तहत जन्म से पांच वर्ष तक के 4.50 लाख बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलाने का लक्ष्य है। हालांकि, अभियान में एक बात यह अहम रही कि निर्जला व्रत के बाद भी महिला कर्मी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रही। कर्तव्यपथ के प्रति महिला कर्मियों की ईमानदारी देख, कुछ लोगों ने उनके जज्बे को सलाम किया तो कुछ ने जीवित्पुत्रिका व्रत पर पर उन्हें आज ड्यूटी से वंचित रखने की वकालत की।
बता दें कि जिले में 1601 बूथ बनाए गए हैं। अभियान की सफलता के लिए 856 टीमें और 90 मोबाइल टीम बनाई गई हैं,.जो 19 से 25 सिंतबर 2022 तक घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का काम करेंगी। अन्य टीम 'बी' 26 सिंतबर को भी पोलियो ड्रॉप पिलाएगी। पल्स पोलियो कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न करने के लिए एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदारी दी गयी है। रविवार को जीवित्पुत्रिका व्रत था। वह निर्जला व्रत था। बावजूद इसके महिलाकर्मियों को ड्यूटी करनी पड़ी। व्रत की वजह से अधिकतर महिलाकर्मी परेशान दिखी, लेकिन कर्तव्य पर अडिग थी। इस बावत उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ शशि प्रकाश ने पूछने पर बताया कि यह कार्यक्रम केन्द्रीय है। यह पहले से निर्धारित था, लिहाजा इसमें संशोधन संभव नहीं था।
रमेश जायसवाल


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