बलिया : छनौटा-बेलन लेकर पहुंची थी रसोईया
बलिया। जिलाधिकारी कार्यालय पर रसोईया फ्रंट ने विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया। राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोईया फ्रंट के बैनर तले सैकड़ों रसोइयों ने जिलाध्यक्ष चमेली सिंह के नेतृत्व में धरना दिया सैकड़ों रसोइया हाथों में बेलन और छनौटा लेकर जमकर प्रदर्शन किया। धरना को संबोधित करते हुए चमेली सिंह ने कहा कि गरीब रसोइयों का मानदेय इतना कम है कि इस महंगाई में पचास रुपए प्रति दिन (1500 रुपए माह) में गुजारा नहीं चलता। रसोइयों का मानदेय सरकार जल्द से जल्द ₹18000 प्रति माह किया जाए। रसोइयों को स्थाई करते हुए 12 माह का मानदेय दिया जाए। पांच लाख का दुर्घटना बीमा मुफ्त में कराया जाए। राज्य कर्मचारियों की तरह बोनस एरियर एवं सरकारी सुविधा दी जाए। रसोइयों को साल में वस्त्र एवं छत्री भी दिया जाए। रसोइयों का मानदेय 1 से 5 तारीख तक दे दी जाए। विद्यालय के अध्यापकों का शोषण बंद किया जाए। रसोइयों से सफाई कर्मचारी का कार्य नहीं कराया जाए।हर विद्यालय पर एक सफाई कर्मचारी रखा जाए। पिछले वर्ष 2019 का जनवरी से मार्च तक का पैसा अब तक नहीं मिला, उसे तत्काल दिया जाए। रसोइयों का शोषण बंद किया जाए। इस दौरान चंदा, निगम, आशा, पुष्पा, हेमा, दुर्गावती, माधुरी, चंद्रावती, बासमती, रमावती व सुभावती आदि उपस्थित रहे।
बलिया। जिलाधिकारी कार्यालय पर रसोईया फ्रंट ने विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया। राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोईया फ्रंट के बैनर तले सैकड़ों रसोइयों ने जिलाध्यक्ष चमेली सिंह के नेतृत्व में धरना दिया सैकड़ों रसोइया हाथों में बेलन और छनौटा लेकर जमकर प्रदर्शन किया। धरना को संबोधित करते हुए चमेली सिंह ने कहा कि गरीब रसोइयों का मानदेय इतना कम है कि इस महंगाई में पचास रुपए प्रति दिन (1500 रुपए माह) में गुजारा नहीं चलता। रसोइयों का मानदेय सरकार जल्द से जल्द ₹18000 प्रति माह किया जाए। रसोइयों को स्थाई करते हुए 12 माह का मानदेय दिया जाए। पांच लाख का दुर्घटना बीमा मुफ्त में कराया जाए। राज्य कर्मचारियों की तरह बोनस एरियर एवं सरकारी सुविधा दी जाए। रसोइयों को साल में वस्त्र एवं छत्री भी दिया जाए। रसोइयों का मानदेय 1 से 5 तारीख तक दे दी जाए। विद्यालय के अध्यापकों का शोषण बंद किया जाए। रसोइयों से सफाई कर्मचारी का कार्य नहीं कराया जाए।हर विद्यालय पर एक सफाई कर्मचारी रखा जाए। पिछले वर्ष 2019 का जनवरी से मार्च तक का पैसा अब तक नहीं मिला, उसे तत्काल दिया जाए। रसोइयों का शोषण बंद किया जाए। इस दौरान चंदा, निगम, आशा, पुष्पा, हेमा, दुर्गावती, माधुरी, चंद्रावती, बासमती, रमावती व सुभावती आदि उपस्थित रहे।
Comments