बलिया से उठी आवाज : 1857 के महानायक के साथ ऐसी नाइंसाफी क्यों ?

बलिया से उठी आवाज : 1857 के महानायक के साथ ऐसी नाइंसाफी क्यों ?


दुबहर, बलिया। आजादी का वह महानायक, जिन्हें फांसी देने के लिए जल्लादों ने भी मना कर दिया था। बलिया की माटी में जन्मे आजादी के उस दिवाने की जन्मतिथि गूगल पर गलत दर्ज है। इससे जनपदवासी काफी मर्माहत है। मंगल पांडे विचार मंच कहा है कि आजादी के अग्रदूत के जीवन चरित्र के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं है। गूगल को यह गलती तत्काल सुधारना चाहिए। बलिया के नगवां गांव निवासी शहीद मंगल पांडे का जन्म 30 जनवरी 1831 को नगवां गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।वर्तमान समय में गूगल पर मंगल पांडे की जयंती 19 जुलाई 1827 दिखाई जा रही है। इसको लेकर उनके पैतृक गांव ही नहीं, पूरे जनपद के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। 



10 दिन पहले ही दी गई थी फांसी

मंगल पांडे कलकत्ता की बैरकपुर छावनी में 34वीं बंगाल नेटिव इंफैंट्री की पैदल सेना के सिपाही नंबर 1446 थे, लेकिन ब्रिटिश अफसरों की भारतीयों के प्रति क्रूरता को देखकर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अंग्रेजी अफसरों पर गोली चलाने और हमला करने के आरोप में मंगल पांडे को फांसी की सजा सुनाई गई थी। 18 अप्रैल 1857 को मंगल पांडे को फांसी दी जानी थी। ऐसा कहा जाता है कि बैरकपुर के सभी जल्लादों ने मंगल पांडे को फांसी देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने कलकत्ता से चार जल्लादों को बुलाया। मंगल पांडे की फांसी की खबर सुनने के बाद कई छावनियों में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ गुस्सा भड़क गया, जिसे देखते हुए ब्रिटिश राज ने मंगल पांडे को 18 अप्रैल से दस दिन पहले आठ अप्रैल को ही फांसी दे दी। 


महानायक के जीवन चरित्र से खिलवाड़ अक्षम्य : पाठक

मंगल पांडे विचार मंच के अध्यक्ष कृष्णकान्त पाठक ने कहा कि देश के इतने बड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के जीवन चरित्र के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत गूगल को नहीं है। भारत सरकार को पहल कर महानायक की जयंती सही अंकित करवाना चाहिए। कहा कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की कक्षा 6 की पाठ्य-पुस्तक महान व्यक्तित्व में मंगल पांडे जी की जयंती 30 जनवरी 1831, जन्मस्थान बलिया जनपद का नगवा गांव ही दर्शाया गया है। इसे पूरे प्रदेश के बच्चे पढ़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में गूगल पर गलत सूचना लोड कर लोगों को भ्रम में डालना कहीं से उचित नहीं है। उन्होंने उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार से शहीद मंगल पांडे की जयंती को गूगल पर सही करवाने की मांग की है। 



पिंकू सिंह

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