जमीं पर रह आसमां को छूना सीखाते पापा
On



पापा
दिल में नवनिधि, बेशुमार स्नेह रखते पापा
करते मनुहार, हर रोज सपने सजाते पापा।
दिल में नवनिधि, बेशुमार स्नेह रखते पापा
करते मनुहार, हर रोज सपने सजाते पापा।
वादा हो खरा-खरा पूरा, जी-जान लगाते पापा
फ्रंट पर आके, मुझे हर मोर्चा संभालते पापा।
हमारे क्षवथु देख, घबड़ाते, अकुलाते पापा
बेइंतहा बेबाक शब्दों से, आदर लुटाते पापा।
मन में नैतिकता, मिठास के जज्बे भरते पापा
तनाव चाहे जितने हो, आपा न खोते पापा।
कदी प्यार, डांट, मान मनौवल भी करते पापा
संयम से सुनते सुनाते, बगैर लाग लपेट पापा।
मां की पड़ती डांट तो, मंद-मंद मुस्काते पापा
बाजार जब भी जाते, बिना लिये नहीं जाते पापा।
हमारे बुलंद जिद व सपनों को करते पूरा पापा
हर कसर महकते बाग को छोड़े न अधूरा पापा।
मां के दिए पंख से उड़ना लम्बी, सीखाते पापा
सब चौराहे सपोर्ट कर सही राह दिखाते पापा।
जमीं पर रह आसमां को छूना सीखाते पापा
कंटकीय राहों में पाये मुराद, वो राज बताते पापा।
सदा हमारे, पश्त हिम्मतों में, जान डालते पापा
इस भव सागर में, मेरे नव नाव के खेवैया पापा।
विनोद कुमार मौर्य
स.अ.
कम्पोजिट विद्यालय, शिवाल मठिया, बैरिया
स.अ.
कम्पोजिट विद्यालय, शिवाल मठिया, बैरिया
Tags: Ballia News

Related Posts
Post Comments
Latest News
18 Sep 2025 18:54:07
बलिया : परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने गुरुवार को विकास भवन सभागार में विद्युत विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक...
Comments