बलिया : सवारी वाहनों में नहीं दिख रही सामाजिक दूरी, किराया भी मनमाना ; प्रशासन मौन

बलिया : सवारी वाहनों में नहीं दिख रही सामाजिक दूरी, किराया भी मनमाना ; प्रशासन मौन


बैरिया, बलिया। कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन महंगे टिकट पर करने की सुविधा रेलवे ने उपलब्ध कराई है, जिससे यात्रियों के साथ ही आम लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ रही है। वहीं, एक राज्य से दूसरे राज्य में लंबी दूरी की बसों में मनमाना किराया के साथ यात्रियों को ठूंस ठूंस  कर ले जाया जा रहा है। ना तो यात्री मास्क पहन रहे हैं। ना ही बसों का सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। इस तरह से कैसे कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण होगा ? यह लोगों के समझ में नहीं आ रहा है।

कोरोना संक्रमण के बाद लोकल हो या लंबा रूट सड़क परिवहन पर यात्रियों का किराया कई गुना अधिक कर दिया गया है। वाहन चालकों का तर्क यह है कि सामाजिक दूरी के अनुसार यात्रियों को बैठा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है यात्रियों को ठूंस ठूंस कर बैठाया जा रहा है। उनसे मनमाना किराया वसूला जा रहा है। विकल्प के अभाव में यात्री शोषण का शिकार हो रहे हैं।

बलिया से कोलकाता जाने वाली सियालदह एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास का एक व्यक्ति का किराया लगभग ₹400 लगता था। सामान्य बस में बलिया से कोलकाता का बस संचालक प्रति व्यक्ति 1500 रुपए वसूल रहे हैं। यही हाल वाराणसी के लिए भी है। सुरेमनपुर से वाराणसी कैंट का किराया मात्र 85 रुपया लगता था। अब बैरिया से जाने वाली वाराणसी के बस का किराया ₹250 है। यही हाल अन्य स्थानों पर जाने वाले प्राइवेट सड़क परिवहन की है। लोगों ने आला अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का ध्यान अपेक्षित करते हुए जनहित में उचित निर्णय लेने की गुहार लगाई है।


शिवदयाल पांडेय 'मनन'

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