बलिया : कुदरत के करिश्मे का एक छोटा सा नमूना है यह फूल, खिलने में लगता है एक वर्ष



बलिया। गमले में खिला यह फूल कुदरत के करिश्मे का एक छोटा सा नमूना लाल फूटबाल लिली है, जिसे कोई भी देखे तो इसका दीवाना हो जाए। यह फूल जिले के पर्यावरणविद् डॉ. गणेश कुमार पाठक की बागवानी का शोभा बढ़ा रहा है। डॉ. पाठक बताते है कि इस पुष्प को खिलने में पूरे एक वर्ष का समय लगता है। इस फूल की खूबसूरती देखते ही बन रही है।
फुटबॉल लिली का सामान्य नाम 'रक्त लिली' हैं, जो कभी-कभी विभिन्न प्रजातियों के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन यह नाम अक्सर स्कैडॉक्सस मल्टीफ्लोरस को संदर्भित करता है, जिसे पहले हेमंथस मल्टीफ्लोरस के नाम से जाना जाता था। यह अनोखा पौधा बड़े, गोलाकार फूलों के सिर पैदा करता है। लाल आतिशबाजी या आग के गोले की तरह दिखते हैं। पीले रंग के पुंकेसर के साथ लाल, तारे के आकार के फूलों से बने, ये फूल परिदृश्य से फटते हैं और मधुमक्खियों, तितलियों और पक्षियों को आकर्षित करते हैं।

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