आइएं, बेहतर समाज की संकल्पना के साथ अमर सपूतों को अर्पित करे श्रद्धा सुमन

आइएं, बेहतर समाज की संकल्पना के साथ अमर सपूतों को अर्पित करे श्रद्धा सुमन


शिवदयाल पाण्डेय 'मनन'
द्वाबा का इतिहास अपने आप में गौरव का है।यही द्वाबा उस समय देश के लोकतन्त्र की प्रयोगशाला साबित हुआ। सन् 1942 ई. 18 अगस्त को बैरिया थाने मे अग्रेजों की गोली से द्वाबा के 17 सपूत आजाद वतन का सपना सजाये भारत माता की गोद में सो गये। सीना चौड़ा किये बैरिया थाने पर तिरंगा फहरा कर 48 घन्टे पहले बैरिया को आजाद करा दिये।अग्रेजों को थाना छोड़ कर भागना पड़ा। वही घायलावस्था में तीन सपूत जेल में दम तोड़ दिये। वह कुर्बानी द्वाबा के लिए ऐतिहासिक है। लेकिन उस कुर्बानी का आज सही मायने में क्या अर्थ है, यह चिन्ता का विषय है।
आजादी की लड़ाई लड़ने वाले शहीदों ने जाति धर्म भेदभाव को दरकिनार करते हुए आपसी भाईचारा के साथ अंग्रेजी हुकूमत से एकजुट होकर मुकाबला कर बैरिया थाने में शान से  तिरंगा झंडा फहराया। तब की हम बात करें तो आजादी के दीवानों ने समाज को एक सूत्र में बांधकर अपने मकसद में कामयाबी पाई थी। लेकिन आज के राजनैतिक लोग वोट के लालच में समाज को बांट कर अगड़ी-पिछड़ी, ऊंच-नीच का दायरा बढ़ाते हुए  आपना अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं। वास्तविक लोकतंत्र स्थापित करते हुए आजादी के दीवानों ने सबको साथ लेकर आजादी दिलाई, किंतु देश में सिर्फ पर बैठे राजनेता या छोटे स्तर के राजनेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए समाज को दिन प्रतिदिन बांटते हुए अपना उल्लू  सीधा करने में लगे हैं। ऐसे में आजाद वतन के सिपाहियों की आत्मा को कष्ट होता होगा, जिन्होंने समाज को एक सूत्र में बांधकर आजादी हासिल की थी। उनसे आज भी एकता सीखनी चाहिए। 
शहीद स्मारक पर सार्वजनिक मंच लगाकर श्रद्धांजलि देने की प्रत्येक वर्ष की परम्मरा रही  हैं। राजनीतिक लोग उन अमर शहीद पूर्वजों के सपनों के अनुरूप कार्य करने की कसम खाते हैं। लेकिन उसके विपरीत आचरण करते है, जो लोकतंत्र के लिए घातक है। अमर शहीदों के सपनों के अनुरूप  समाज की संरचना होनी चाहिए। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों के राजनेताओं को संकल्प लेना चाहिए। अगर ऐसा नहीं तो फिर शहीद स्मारक पर कसम खाना व्यर्थ होगा। आइये, बेहतर समाज की संरचना की कोशिश के साथ अमर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करे।

18 अगस्त सन् 1942 को बैरिया में शहीदों की सूची

1 निर्भय कृष्ण सिंह गोन्हिया छपरा गोली
2 देश बसनन कोइरी गोन्हिया छपरा  गोली
3 नरसिंह राय बिशुनपुरा गोली
4 राम जन्म गोड़ मिल्की गोली
5 राम प्रसाद उपाध्याय चांदपुर गोली
6 मैनेजर सिंह टोला गुदरी  राय  गोली
7 कौशल किशोर सिंह नारायणगढ़ गोली
8 रामदेव कुमार सोनबरसा गोली
9 रामवृक्ष राय बैरिया गोली
10 राम नगीना सुनार बैरिया गोली
11 छट्ठू  कमकर बैरिया गोली 
12 देवकी सुनार बैरिया गोली
13 धर्मदेव मिश्र शुभनथही गोली 
14 श्रीराम तिवारी मुरारपट्टी गोली
15 मुक्तिनाथ तिवारी बहुआरा गोली 
16 विक्रम सुनार श्रीपालपुर गोली
17 भीम अहीर भगवानपुर गोली 
18 गदाधर पांडेय दया छपरा जेल मे मौत
19 गौरी शंकर राय मधुबनी जेल मे मौत 
20  राम रेखा शर्मा गंगापुर जेल में मौत।

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