अखिलेश यादव की गिरफ्तारी पर भड़के बलिया के सपाई, धरना शुरू

अखिलेश यादव की गिरफ्तारी पर भड़के बलिया के सपाई, धरना शुरू

 


बलिया। भारत कृषि प्रधान देश है। हमारे देश की अर्थब्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है। ऐसे देश में किसान आंदोलन को बलपूर्वक दबाया जाना हिटलरशाही और दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त बातें समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय 'कान्हजी' ने कही। प्रेस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं के आंदोलन को बल पूर्वक दबाकर, सरकार आखिर क्या संदेश देना चाह रही है। आज जब किसान आंदोलन के समर्थन में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज जाने की घोषणा किये तो सरकार उन्हें वहां जाने से रोकने को जितना तत्पर दिखी, उतनी तत्परता किसान समस्याओ के समाधान में दिखती तो आज देश का किसान सड़क पर नहीं, अपने खेतों और घरों में होता। अखिलेश यादव को गिरफ्तार कर सरकार ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तार-तार किया। उत्तर प्रदेश की सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी है। अब पुलिस और प्रशासन के बल पर सरकार चलाई जा रही है, जिसका दिन अब लद गया है। प्रदेश की जनता 2022 के इन्तजार में है। 2022 में इस दम्भी, अलोकतांत्रिक व हिटलरवादी सरकार का अन्त निश्चित है।

कान्हजी ने कहा कि किसान संगठनों के आह्वाहन पर 8 दिसम्बर के बन्दी का पूर्ण समर्थन समाजवादी पार्टी करेगी। बन्दी को सफल बनाने के लिए जनपद के समस्त ब्यापारी, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ताओं, युवा, छात्रों व सामाजिक संस्थाओं से सपा आग्रह और अपील करती है। बन्दी की सफलता के लिए पार्टी के जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव के नेतृत्व में पार्टी के समस्त नेता 8 दिसम्बर को नगर भ्रमण कर किसानों को समर्थ देने की अपील आम लोगो से करेंगे।

उधर, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की गिरफ्तारी से नाराज सपाजनों ने कलेक्ट्रेट में धरना शुरू कर दिया है। धरना राष्ट्रीय अध्यक्ष की रिहाई तक अनवरत चलेगा। धरना स्थल कलक्ट्रेट बलिया पर नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी भी पहुँच गए है।

Related Posts

Post Comments

Comments