मरीजों का हमदर्द बने डॉ. भूपेश, बलिया में कुछ यूं बांट रहे खुशियां
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Dr Bhupesh Singh
हर रविवार गांव में लगाते हैं निःशुल्क चिकित्सा शिविर
चिकित्सकीय परामर्श के साथ साथ मुफ्त देते हैं दवाईयां
जरूरतमंदों की मदद से आत्मसंतुष्टि का करते हैं अनुभव
बलिया। जिंदगी की खातिर मौत से जूझते मरीजों के लिए डाक्टर किसी भगवान से कम नहीं होते। यह दुनिया का इकलौता ऐसा पेशा है, जो जीवन देता है। लोगों की रक्षा करता है। पेशा है तो जाहिर सी बात है कि डाक्टर भी पेशेवर मिजाज वाले ही होंगे। अक्सर निजी प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों की फीस के खास दुकानों पर मिलने वाली उनकी दवाइयों को लेकर सवाल खड़े होते हैं। पर अभी भी धरती के इन भगवानों का कलेजा पत्थर का कत्तई नहीं हुआ है। समाज सेवा का जहां संकल्प बरकरार है, वहीं गरीबों के प्रति उनकी संवेदनाएं भी कम नहीं हुई हैं। हमारे शहर में भी कई ऐसे डाक्टर हैं, जो प्राइवेट प्रैक्टिस के साथ ही गरीबों का मुफ्त इलाज करते हैं। उनको दवाइयां देते हैं और नियमित अंतराल पर फ्री ओपीडी भी करते हैं। आज हम ऐसे ही एक डाक्टर से आपको रुबरू कराते हैं, जिन्हें मरीजों की मदद करने में न सिर्फ आनन्द मिलता है, बल्कि आत्मसंतुष्टि का अनुभव भी होता है।
धरती का भगवान होने का दर्जा प्राप्त करने वाला कोई और नहीं, जिले के युवा चिकित्सक डॉ. भूपेश सिंह हैं। इनकी पहल न सिर्फ मरीजों, बल्कि आस-पास के लोगों को भी सुखद अहसास करा रही है। मृदुभाषी स्वभाव के धनी डॉ. भूपेश मरीजों को नि:शुल्क परामर्श तो देते ही हैं, नि: शुल्क दवा भी उपलब्ध कराते हैं। यही नहीं, मरीज की कुशलता की जानकारी स्वस्थ्य होने तक लेते रहते हैं।
मूल रूप से बेलहरी ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत बेलहरी के धर्मपुरा निवासी डॉ. भूपेश बलिया शहर में निजी क्लीनिक चलाते हैं। लेकिन चिकित्सा को व्यवसाय नहीं, सेवा धर्म मानकर। इससे इतर प्रत्येक रविवार को डॉ. भूपेश अपने गांव पर नि:शुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित करते हैं। यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से चल रहा है। यहां जो भी पहुंच जाय, उसे परामर्श व मुफ्त दवाएं भी मिलती है। खास बात यह है कि यदि कोई जरूरतमंद अन्य चिकित्सक का भी पर्चा लेकर पहुंचता है तो डा. भूपेश उसे भी नि:शुल्क दवा उपलब्ध कराते हैं।
डॉ. भूपेश बताते है कि गरीबों का उपचार उन्होंने प्राथमिकता में रखा है। कोशिश रहती है कि मरीज पूरी तरह संतुष्ट होकर यहां से लौटे। समय-समय पर उसकी कुशलता की जानकारी भी लेते हैं। बताया कि वर्षों पूर्व गांव की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने कुछ अलग करने की प्रेरणा दी। माता पिता के आशीष व कुशल मार्गदर्शन के परिणामस्वरूप जिस दिन चिकित्सक की उपाधि मिली, उसी दिन आजीवन जरूरतमंदों की मदद करने का निश्चय कर लिया। शुरू में थोड़ी दिक्कत हुई, लेकिन अब तो लोंगों की मदद कर काफी सन्तुष्टि मिलती है। आज लोग दुआएं देते हैं, लंबी उम्र की कामना करते हैं। इससे बड़ी खुशी मेरे लिए और क्या हो सकती है।
स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण पर भी पैनी नजर
डॉ. भूपेश न सिर्फ चिकित्सा, बल्कि स्वास्थ्य, स्वच्छता व पर्यावरण पर भी पैनी नजर रखते है। ग्राम पंचायत बेलहरी में अब तक 4200 आंवला का पौधा लगा चुके डॉ. भूपेश लगभग दो दर्जन कूड़ादान भी लगवाये है। इससे इतर यदि कोई जरूरतमंद पहुंच जाय तो उसकी जरूरतें पूरी करने में भी पीछे नहीं हटते।
Tags: Ballia News


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