जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता : बलिया में 10 स्कूल के छात्र-छात्राओं ने लिया भाग, चमकें सूर्य और शम्मी




-संभाषण, अन्ताक्षरी और संस्कृत गीत के साथ ही संस्कृत से जुड़ी विभिन्न प्रतियोगिता
बलिया। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संभाषण, अन्ताक्षरी और संस्कृत गीत के साथ ही संस्कृत से जुड़ी विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन वाल्मीकि जयन्ती पर किया गया। संस्कृत भाषा के प्रति आकर्षण पैदा करने के उद्देश्य से जुबली संस्कृत कालेज बलिया में आयोजित इस प्रतियोगिता में जिले के 10 विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। संभाषण में सूर्य प्रकाश यादव व संस्कृत गीत में शम्मी सिंह (दोनों छात्र द्वाबा संस्कृत प्रचार समिति बैरिया) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बापू नन्दन मिश्र मंडल संयोजक उप्र संस्कृत संस्थानम लखनऊ ने संस्कृत के इस तरह के कार्यक्रम लगातार होने पर जोर दिया। मुख्यातिथि जिला विद्यालय निरीक्षक प्रतिनिधि राकेश पाण्डेय कार्यक्रम से बहुत प्रभावित रहे। जिला संयोजक अरविंद राय ने भी छात्रों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत भारत का मूल है। भारत की जड़ है। यदि भारतरुपी वृक्ष को ऊंचा उठाना है तो हमें इसकी जड़ की रक्षा करनी होगी।
जुबली संस्कृत कालेज के प्राचार्य सिद्धार्थ शंकर ओझा ने छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया।साथ ही संस्कृत के महत्व को बताया। उन्होंने श्लोक पढ़ा ...येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः । ते मृत्युलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति।। प्रतियोगिता निर्णायक मंडल में शिव नाथ मिश्र, शिव नाथ तिवारी, दया शंकर पांडेय, मानिकचंद जी, कमला तिवारी जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अनुज पाण्डेय, शिवेश पांडेय, पीयूष उपाध्याय, मिथिलेश कुमार, श्रीमती रूपकेशरी आदि उपस्थित रहे। संचालन मृत्युंजय उपाध्याय ने किया।

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