बलिया : नई शिक्षा नीति में भी हिन्दी के लिए नहीं उठाए गये प्रभावी कदम
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बलिया। कुंवर सिंह इण्टर कॉलेज में राज भाषा हिन्दी पखवाड़ा तथा दिनकर जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं समालोचक अशोक गुप्ता ने कहा कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग करने वाले लगभग सारे विशिष्ट लोग अहिंदीभाषी थे। दूसरी ओर, सरकारें केवल हिंदी को अन्य भाषाओं से लड़वाने का काम करती रहीं। नई शिक्षा नीति में भी हिन्दी को सर्व स्वीकार्य बनाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। कालेज के हिन्दी प्रवक्ता विजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि अंग्रेजी भौतिक समृद्धि का आधार तो बन सकती है, किन्तु आत्मिक शांति और समृद्धि का माध्यम केवल मातृभाषा ही हो सकती है। इस अवसर पर डॉ बालचंद राम ने भी अपने विचार रखे। इससे पहले देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। वाणी वन्दना शिक्षक अनुज सिंह ने प्रस्तुत किया।
गीतों तथा ग़ज़ल का चला सिलसिला
गोष्ठी के उत्तरार्द्ध में शिव जी पाण्डेय रसराज, शंकर शरण काफिर, शशि प्रेमदेव तथा अशोक तिवारी ने अपने गीतों तथा ग़ज़लों के माध्यम से हिंदी के माधुर्य, धार एवं लोच की बानगी पेश की।
कोरोना योद्धा सम्मानित
विद्यालय के दो कोरोना योद्धाओं राजेश कुमार सिंह तथा विनोद कुमार को अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया।
इनकी रही मौजूदगी
गोष्ठी में प्रेमशंकर राय, विजय बहादुर सिंह, जयंत सिंह, पवन कुमार सिंह, सुदर्शन सिंह, डॉ प्रमोद कुमार सिंह, शैलेष सिंह, सुभाष सिंह, संजय सिंह, राजीव कुमार सिंह, विमल तिवारी, रामेश्वर प्रसाद, उमेश सिंह, मनोज यादव, दिग्विजय सिंह, अजय, रंजीत, संतोष आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता प्रधानाचार्य संजीव कुमार सिंह तथा संचालन अंग्रेजी प्रवक्ता कवि शशि प्रेमदेव ने किया। आभार प्रदर्शन वरिष्ठ शिक्षक राजेश चंद सिंह द्वारा किया गया।
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