...और डांट खा गये दरोगा जी

...और डांट खा गये दरोगा जी


लखनऊ। लॉकडाउन में गपड पंचायत कर रहे दरोगा जी की एक महिला सिपाही ने क्लास लगा दी। वहां मौजूद सभी 5-6 लोग सिपाही की क्लास सुनते रहे। सभी मित्र दरोगा जी की ओर देखते रहे, लिहाजा दरोगा जी एक्स्ट्रा डांट खाएं। खैर सबने महिला सिपाही को सॉरी कहा और वह अपनी स्कूटी स्टार्ट कर चली गयी। इस बात को आईएएस नवनीत सिकेरा ने खुद अपने फेसबुक वाल पर शेयर की है। 

उन्होंने लिखा है मेरे पूर्व PRO रहे इंस्पेक्टर साहब अपने कुछ मित्रों के साथ गपड पंचायत कर रहे थे। तभी अकेली महिला कांस्टेबल स्कूटी से वहां पहुंची और सबकी बढ़िया क्लास लगा दी। सभी सुनते रहे और सॉरी बोल, वह हट गये। इस पूरे मामले में तीन बात गौर करने लायक हैं। पहली मैं महिला कांस्टेबल प्रीति सरोज की हिम्मत की सराहना करूंगा कि उन्होंने साहस से काम लिया। रात्रि के समय अकेले 5-6 लोगों से भिड़ने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए। दूसरी प्रीति ने सबको लॉकडाउन के नियम के प्रति चेताया-हड़काया, पर कोई अपशब्द नहीं कहा। यही आदर्श तरीका होता है पुलिस की ड्यूटी करने का। तीसरी बात दरोगा जी और उनके साथियों ने विनम्रता से अपनी गलती मानी और अपने से अधीनस्थ पुलिस कर्मी को बिना अपना परिचय दिए सॉरी कहा।

इतना ही नहीं स्वयं इंस्पेक्टर आशियाना को फ़ोन करके प्रीति सरोज की तारीफ की। मुझे भी प्रीति के साहस के बारे में बताया। इस पूरे घटना क्रम में देखा जाए तो सभी के सभी धन्यवाद के पात्र हैं। मैनेजमेंट में इसे विन विन सिचुएशन कहा जाता है। यही एक आदर्श समाज और आदर्श नागरिक का गुण होता है। मुझे इस घटना से गुजरात की महिला कांस्टेबल सुनीता यादव की भी याद आयी, बहुत संभव है सुनीता ने हज़ारो अपनी सहकर्मी पुलिस कर्मियों को डयूटी के प्रति और निष्ठावान बनने के लिए प्रेरित किया हो।




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