इसे क्या कहें? जब कोतवाल बने चोरों का शिकार

इसे क्या कहें? जब कोतवाल बने चोरों का शिकार




बलिया। इसे क्या कहें जब? आये दिन चोरो को पकड़ने वाले खुद चोरी के शिकार हो जाये। जी हाँ, यह कोई मुहावरा अथवा कहावत नहीं बल्कि हकीकत है। बलिया कोतवाली थाना में बतौर कोतवाल तैनात शशि मौली पांडेय शुक्रवार को दिनदहाड़े चोरों का शिकार बन गये। घटना को अंजाम देते हुए हौसला बुलंद चोरों ने बड़े इत्मीनान से कोतवाल साहब के घर को खंगाला और  उनकी सर्विस तथा व्यक्तिगत रिवाल्वर एवं नकदी लेकर चलते बने। यह सारा वाकया कोतवाली थाना परिसर के अंतर्गत घटित हुआ। आश्चर्य की बात तो यह है कि दिनदहाड़े हुई इस वारदात की किसी को भनक तक नहीं लगी। जबकि  कोतवाली थाना परिसर में दिनभर पुलिसकर्मियों का आना जाना लगा रहता है।
इस बाबत प्रेस को जारी विडियो के माध्यम से पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया है कि  शहर कोतवाल शशि मौली पाण्डेय  शुक्रवार को अदालती कामकाज से  जब  कचहरी गये थे उसी  दरमियान चोरों ने उनके घर में घुसकर उनकी सर्विस तथा निजी रिवाल्वर समेत नकदी पर हाथ साफ कर दिया। कोतवाल जब घर लौटे तो उन्हें घटना की जानकारी हुई । उन्होंने तुरंत मामले से विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। चोरी की वारदात के संबंध में पुलिस ने कोतवाली थाना में अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर  कार्रवाई शुरू कर दी है।
By-Ajit Ojha

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