बलिया : Lockdown में कामना पांडेय की आई दूसरी रचना 'मैं वही हूं...'
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टेबल पर पड़ी किताब से एक दिन पूछ लिया मैंने यूं ही
ऐसा क्या तुम में खास है जो गुणगान करते हैं सभी
उत्तर में एक जवाब आया
उसने अपना महत्व समझाया
मैं हूं वही जिसने ऋषि-मुनियों को भी महान बनाया
मैं हूं वही जिसने इंसानों को बुद्धिमान बनाया
मैं हूं वही जिसने सबको शिक्षा का महत्व समझाया
मैं हूं वही जिसने सबके अंदर के अहम को मिटाया
मैं हूं वही जिसने सबको अपना मित्र बनाया
मैं हूं वही जिसने सबको सत्य मार्ग पर चलना सिखाया
पर...
बोलते ही बोलते हैं वह अचानक से चुप हो गई
मैं पूछ बैठी क्या हुआ जो ऐसे तुम रुक गई
वह बोली मुझे पढ़ना इतना भी आसान नहीं
पढ़ने को तो सब पढ़ते हैं पर समझे कोई सार नहीं
जो समझ ले सार मेरा वह कभी झुकता नहीं
संघर्षों के मार्ग पर वह कभी रुकता नहीं
कामना पांडेय
मिड्ढ़ा, बलिया
(रचनाकार कामना पांडेय बलिया के वरिष्ठ पत्रकार श्रवण पांडेय की बेटी है।)
Tags: बलिया


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