लॉकडाउन : न बेटे आ सके न पोते, पड़ोसी ने दी मुखाग्नि

लॉकडाउन : न बेटे आ सके न पोते, पड़ोसी ने दी मुखाग्नि


चंदौली। वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों के सामने अजीब मुसीबत खड़ी कर दी है। लॉकडाउन के कारण गैर प्रांतों में फंसे लोगों के घर पर दाह संस्कार के लिए भी पड़ोसियों का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसा ही मार्मिक दृश्य मंगलवार की सुबह चंदौली में धानापुर के सरस्वतीपुर (नौली) में देखने को मिला। गांव के वृद्ध किसान केशव तिवारी (75) के दो बेटे और पोते हैं। फिर भी मुखाग्नि पट्टीदार को देनी पड़ी।

सरस्वतीपुर नौली गांव के केशव तिवारी घर पर अपनी पत्नी 71 वर्षीय शारदा देवी के साथ रहते थे। उनका बड़ा बेटा श्याम शंकर नासिक में प्राइवेट कम्पनी में काम करता है। छोटा बेटा चंदन उर्फ भैरव नोएडा में निजी कम्पनी में है। पोता कृष्णकांत उर्फ भुआल कोलकाता में ट्रांसपोर्ट और दूसरा पोता धनंजय तिवारी पानीपत में निजी कम्पनी में काम करते हैं।

केशव तिवारी कई साल से किडनी की बीमारी से परेशान थे। उनका सोमवार की रात निधन हो गया। लॉकडाउन की वजह से न बेटे आ सके न पोते। पड़ोसी पट्टीदार कृष्ण कुमार उर्फ गुड्डू तिवारी ने नौली गंगा घाट पर शव का दाह संस्कार किया।

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