भूगोल बिगाड़ कर जान्हवी को जिंदा रखना नामुमकिन
On
बलिया। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड में जगह-जगह सिंचाई एवं बिजली की लोभ लालसा में अवरोधित की गयी गंगा, प्रदेश के गंगातटीय इलाके को रेगिस्तान बनने को मजबूर कर रही है। उक्त बातें मंगलवार को प्रातः जनपद के जवहीं गंगाघाट पर साफ-सफाई के पश्चात गंगामुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने कही। गंगा भक्तों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गंगा का भूगोल बिगाड़कर उसके सुनहरे अतीत को आखिर कैसे जिन्दा रखा जायेगा। टिहरी, ज्वालापुर, नरोरा तथा कानपुर जैसे कई स्थानों पर गंगाजल का दोहन हो रहा है, और उसके साफ-सफाई पर भी अरबों की राशि खर्च करने की परियोजनाएं गति में है। आखिर यह दोहर मापदण्ड क्यों? गंगा पेटे में गंगाजल की अल्पता अति चिन्तनीय है। श्री तिवारी ने गंगाजल से बिजली बनाने तथा ब्रम्ह्मद्रव गंगा से सिंचाई के साधन बनाने के पूर्ववर्ती तथा वर्तमान सरकार के प्रयासों को गैर जरूरी बताया तथा परिस्थितिकी के सामयिक संतुलन के लिए सौर तथा पवन उर्जा की उत्पादकता की ओर केन्द्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। इस अवसर पर श्री तिवारी के साथ उपेन्द्र तिवारी, शशिकांत मिश्र, शुभम मिश्र, अनिल कुमार यादव, रमेश पाण्डेय, रामेश्वर शाहु सहित कई लोगों ने गंगा मुक्ति का संकल्प लिया।
By-Ajit Ojha
Tags: जिला ज्वार
Related Posts
Post Comments
Latest News
Ballia News : अन्नपूर्णा भवन निर्माण में अनावश्यक हस्तक्षेप से ग्रामीणों में रोष
12 Dec 2024 12:23:59
बलिया : ग्राम पंचायतों में कोटे की दुकानों के संचालन के लिए अन्नपूर्णा भवन बनाने की योजना है। जिस क्रम...
Comments