फौजी पति का शव देख चित्कार उठी पत्नी
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चिलकहर(बलिया)। क्षेत्र के भरथीपुर (ताखा) निवासी व पठानकोट में तैनात बीएसएफ के जवान शैलेश कुमार भारती 28 का शव बुधवार की देर सायं 9 बजे पहुंचते ही परिजनों के करण क्रंदन देख सबकी आँखे नम हो गयी। पत्नी रमिता की चित्कार से स्थिति और भयावह हो जा रही थी। सबकी आखें नम थी फोर्स की मौजूदगी में सशस्त्र सलामी देकर बुधवार की ही रात गांव स्थित शमशान पर शवदाह संस्कार कर दिया गया। मंगलवार को बीएसएफ हेडक्वार्टर पठानकोट से शैलेश की पत्नी के मोबाईल पर सूचना मिली शैलेश घायल हो गये है, हालात गंभीर है, परिजन रवाना हो गये फिर सायं खबर आयी की मौत हो गयी है। पटना एयर पोर्ट पर ही रूके रहें। शव फोर्स के साथ भेजा जा रहा है, यह खबर गांव पर आते ही कोहराम मच गया ।
बताया जाता है कि मृदुल स्वभाव के जवान 18 मई को ही शैलेश कुमार भारती ड्यूटी पठानकोट गया था। घरवालों को बिन बताये एक माह बाद ही किन परिस्थितियों में घर चल दिया, जिसको लेकर परिवारीजन हुई मौत को संदेह मे लेकर चल रहे है। अधिकारियों द्वारा यह बताया गया था कि छुट्टी घर जाते समय ट्रेन से गिर जाने से मृत्यु हो गयी है, पर अधजली तिरंगे मे लिपटा शव पहुंचने पर जवान के मरने को लेकर कई तरह की चर्चायें होती रही। शव के साथ आये बीएसएफ के 132 बीएच इंस्पेक्टर विजयशंकर यादव ने बताया कि शैलेश छुट्टी लेकर सोमवार को ट्रेन से घर चला था, लेकिन पठानकोट रेलवे लाईन के किनारे बसुआ नामक जगह के पास जंगल में लगी आग में फायर ब्रिगेड के जवानों को एक शव सोमवार की सायं ही मिला, जिसकी शिनाख्त शैलेश कुमार भारती के रूप में हुई, जिसका कार्ड व पर्श पड़ा हुआ था। इधर शैलेश के दुर्घटना में मरने व शव आने को लेकर अगल बगल के गांव के लोगों की भीड़ देर रात लगी रही। जवानों ने सशत्र सलामी दी व साथे आये जवानों ने परिजनों को ढ़ाढ़स भी बधाया गड़वार एसओ विनीत मोहन पाठक, रामगोपाल त्यागी के नेतृत्व में जनपद से आयी गारद ने सलामी दी। ग्राम प्रधान अनिल कुमार, मृत्युंजय सिंह, रमेश कुमार, बंगाली सिंह समेत लोग उपस्थित रहे। मुखाग्नि मृत जवान पिता भोला राम ने दी।
1- बीएसएफ जवान शैलेश भारती तीन भाई थे, बड़ा भाई सतीश लोको पायलट है रेलवे में तो छोटा भाई मनीष प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करता है।
2- मृत जवान की तीन बेटियां क्रमशः स्वीटी 5 वर्ष, मुन्नी 3 वर्ष व सुहानी 1 वर्ष है।
3- मृत जवान शैलेश भारती की अधजली लाश आने पर लोगों में तरह तरह की चर्चायें होती रही।
4- शैलेश कुमार भारती जब ट्रेन से चला तो जंगल में लगी आग में कैसे पहुचकर जल गया।
रिपोर्ट संजय पांडेय
Tags: गांव जवार
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