मालगाड़ियों के संरक्षित संचालन में 'ऑनलाइन डाटा लॉगर' की भूमिका अहम

मालगाड़ियों के संरक्षित संचालन में 'ऑनलाइन डाटा लॉगर' की भूमिका अहम


वाराणसी। संपूर्ण देश में व्याप्त कोरोना वायरस के प्रकोप से सुरक्षा एवं बचाव हेतु सोशल डिस्टेंसिंग  ही एकमात्र विकल्प है। भारत सरकार द्वारा इसी सुरक्षा के मूलमंत्र का अनुसरण करते हुए संपूर्ण देश में लॉक डाउन की प्रक्रिया पर पूर्ण प्रतिबद्धता से ध्यान केंद्रित कर इसे शत प्रतिशत अमल में लाने के प्रत्येक यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। तीव्रता से फैल रहे इस वायरस के संक्रमण से जनित ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में मालगाड़ियां अपने गन्तव्य तक सुरक्षित पहुंचे, इसके लिए सिग्नल प्रणाली का दुरुस्त होना अत्यंत आवश्यक है। 

इस सिग्नल प्रणाली की आधार शिला हैं सिगनल केबिलें। यदि ऐसे दुरूह समय में केबिलें अर्थ फॉल्ट देंगी तो सिग्नल प्रणाली पूर्ण रूप से बाधित हो जायेगी। सिग्नलिंग सिस्टम के सुचारू एवं निर्विघ्न क्रिया शीलता के लिए प्रत्येक स्टेशन पर ऑन लाइन अर्थ लीकेज डिटेक्टर लगाए गए हैं, जिन्हें डाटा लॉगर द्वारा नेटवर्क करके वाराणसी मंडल कार्यालय स्थित डाटा लॉगर कंट्रोल रूम से संबद्ध किया गया है। 

यदि किसी भी सिग्नलिंग केबिल में कहीं भी कोई अर्थ फाल्ट आता है तो तत्काल उस फाल्ट को डिटेक्ट (चिन्हित) करके डाटा लॉगर कंट्रोल से सम्बंधित स्टॉफ के मोबाइल पर SMS भेजता है। इसके सुधार हेतु तत्काल कार्यवाही स्थापित की जाती है। इस संपूर्ण प्रक्रिया की मानीटरिंग डाटा लॉगर स्टाफ द्वारा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए प्रतिदिन की जाती है।। संबंधित स्टाफ को फोन के माध्यम से फेल्योर (विफलता) को ठीक करने का निर्देश दिया जाता है।

विस्तृत क्षेत्र में फैले पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मण्डल में 118 से अधिक रिले रूम व 04 रुट रिले इंटरलॉकिंग रिले रूम हैं। डाटा लॉगर कंट्रोल द्वारा ही प्रतिदिन चौबीसों घंटे सभी स्टेशनों के सिगनल उपकरणों व उनके ऑपरेशन की मानीटरिंग होती है, जिससे फाल्ट होने वाले उपकरण एवं स्टेशन की सटीक जानकारी मिल जाती है। इस प्रकार डाटा लॉगर कंट्रोल के माध्यम से सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए समस्त कार्य को सम्पन्न किया जा रहा है। 

वरिष्ठ मण्डल संकेत एवं दूर संचार इंजीनियर/समन्यव स्वयं इन फेल्योर की चेसिंग (जांच पड़ताल) एवं सूक्ष्म निरीक्षण करते हैं। वाराणसी मण्डल  परिचालन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मंडल है तथा अधिक गाड़ियों के परिचालन के कारण केबिल फाल्ट को दूर करने में अधिक कर्मियों व अधिक समय लगता था, जो वर्तमान स्थिति में अपेकक्षाकृत कम गाड़ियों के संचालन के कारण कम समय में कम स्टाफ द्वारा केबिलों में फाल्ट को सही करने के कार्य को संपन्न किया जा रहा है। इस प्रकार आवश्यक सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान तक यथा समय आपूर्ति कराने वाली मालगाड़ियों का संचालन सहजता एवं सुचारू रूप से संभव हो पा रहा है। वर्तमान समय की आवश्यकता को देखते हुए सोशल डिस्टेसिंग के अनुपालन में डाटा लॉगर अत्यंत सार्थक सिद्ध हो रहा है।

मंडल रेल प्रबंधक विजय कुमार पंजियार ने अवगत कराया कि मंडल द्वारा वर्तमान की प्रत्येक वस्तुस्थिति का सूक्ष्मता से अवलोकन करते हुए वांछित व्यवस्थाओं का निर्धारण किया जा रहा है। इस विषय में भारत सरकार द्वारा पारित समस्त निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया गया है। समस्त रेलकार्य को अत्यंत सुनियोजित रणनीति के अन्तर्गत क्रियान्वित करने का प्रावधान किया गया है। 

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