सांसद मोहिबुल्ला नदवी को हाईकोर्ट का आदेश - 'चौथी बीबी को दें ₹30 हजार गुजारा भत्ता...'



UP News : समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चौथी पत्नी रुमाना को ₹30,000 मासिक भरण-पोषण देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने तीन महीने में मामला निपटाने का भी मौका दिया है। नदवी की कुल पांच शादियां हुई हैं, जिनमें से रुमाना ने मारपीट और दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था।जस्टिस सुभाष चन्द्र शर्मा की बेंच ने ऐसा न करने पर सांसद (MP) को उचित कानूनी परिणाम भुगतने को तैयार रहने के लिए भी चेताया है। कोर्ट ने इस प्रकरण को आपसी सहमति के आधार पर निबटाने के लिए मेडिटेशन सेंटर भेजने के साथ ही तीन महीने के अंदर सम्पूर्ण कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय, कक्ष संख्या 2, आगरा द्वारा आपराधिक विविध वाद संख्या 147/2020 (श्रीमती रूमाना परवीन एवं अन्य बनाम मोहिबुल्लाह (MP) धारा 127 सीआरपीसी, थाना सदर बाजार, जिला आगरा में पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश 01 अप्रैल 2024 को रद्द किये जाने की मांग में दाखिल की गयी थी।
अपना पक्ष रखते हुए पुनरीक्षणकर्ता सांसद के वकील ने कहा कि मामला वैवाहिक विवाद से संबंधित है और पुनरीक्षणकर्ता इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने का इरादा रखता है। आग्रह किया कि इस मामले को न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र को भेजा जाए, ताकि उन्हें मध्यस्थता के माध्यम से अपने विवाद को अपनी शर्तों पर निपटाने का अवसर मिल सकें। अपनी प्रामाणिकता सिद्ध करने के लिए, पुनरीक्षणकर्ता (MP) 50,000 रुपये जमा करने को तैयार है, जो प्रतिपक्ष संख्या 2 को मध्यस्थता केंद्र के समक्ष उसकी पहली उपस्थिति पर सौंपे जाने हैं।
सांसद को 55 हजार रुपये जमा कराने का निर्देश
कोर्ट भी अभिलेखों और उसके समक्ष प्रस्तुत प्रस्तुतियों के आधार पर संतुष्ट दिखी और कहा कि मुकदमे की प्रकृति ऐसी है कि मध्यस्थता प्रक्रिया के माध्यम से मामले को सुलझाने का अवसर है। इस संभावना को तलाशने का प्रयास किया जाना चाहिए। इस मामले को मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र, उच्च न्यायालय, इलाहाबाद को भेजा जा रहा है।
कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि मध्यस्थता केंद्र में डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से जमा किये जाने वाली धनराशि में से 50,000 रुपये विपक्षी संख्या 2 चौथी पत्नी को उसकी पहली उपस्थिति पर सौंपे जाएँगे, जिसमें से 30,000 रुपये बकाया भरण-पोषण राशि में समायोजन के अधीन होंगे। 5,000 रुपये मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र, उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में जमा रहेंगे।



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