शारदीय नवरात्रि 2025 : हवन तथा कन्या पूजन का विशेष महत्व, जानिएं अष्टमी व्रत कब ?

शारदीय नवरात्रि 2025 : हवन तथा कन्या पूजन का विशेष महत्व, जानिएं अष्टमी व्रत कब ?

Shardiya Navratri 2025 : शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से प्रारंभ है। 9 साल बाद इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने से नवरात्र 10 दिन का हो गया। विजयदशमी पर्व 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। नवरात्रि की तिथि की वृद्धि शुभ कारक मानी जाती है। वर्ष 2016 में भी द्वितीया तिथि की वृद्धि होने के कारण ऐसा ही संयोग बना था। आश्विन शुक्ल पक्ष आदि शक्ति मां भगवती दुर्गा एवं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम द्वारा रावण वध विजय प्राप्त करने के वर्णन को दर्शाने तथा पूजा आराधना का पर्व है। नवरात्र में नवमी को हवन तथा कन्याओं के पूजन का विशेष महत्व है।

नवरात्र में नवमी को हवन तथा कन्याओं के पूजन का विशेष महत्व है। इसके बिना व्रत का संकल्प पूर्ण नहीं माना जाता है, जो भक्त कुमारी कन्याओं को अन्न वस्त्र और जल अर्पण करते हैं, उसका अन्न मेरु के समान और जल समुद्र के सदृष्य तथा अनंत होता है। कुमारी कन्याओं को वस्त्र अर्पित कर भक्तगण करोड़ों वर्षों तक शिव लोक में पूजे जाते हैं और पूजा का उपकरण दान देने पर स्वयं देव गण पुत्र रूप में प्राप्त होते हैं। यह बात इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉक्टर अखिलेश कुमार उपाध्याय ने विज्ञप्ति जारी कर कहीं।

उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की पूजा अनेक विधानों से की जाती है। पूजा में जिन सामग्रियों का प्रयोग होता है। उन्हें उपचार की संज्ञा दी जाती है। साधारणतया इनकी संख्या 16 होती है। भगवती की कृपा प्राप्त कर साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है। कुमारी कन्याओं के पूजन में जाति भेद का विचार वर्जित है। 10 वर्ष की कन्याओं को भोजन करना ही शुभ माना गया है, जहां पर कन्याओं का पूजन होता है, वह स्थान चार से पांच कोस तक पवित्र हो जाता है।

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इस बार चतुर्थी तिथि के वृद्धि होने से अष्टमी का व्रत 30 सितंबर दिन मंगलवार को होगा। महानिशा पूजा व बलिदान का कार्य 29 सितंबर दिन सोमवार को होगा। माता रानी का "पट" उदया शप्तमी दिनांक 29 सितंबर दिन सोमवार मूल नक्षत्र में दोपहर 12:26 के पूर्व खुलेगा। नवरात्रि का हवन दिनांक 30 सितंबर को दोपहर 1:45 से प्रारंभ हो जाएगा। 1 अक्टूबर को दिन में 2:37 के पूर्व संपन्न होगा कन्या पूजन 1 अक्टूबर को प्रातः 06:06 के बाद किया जाएगा। अष्टमी व्रत रखने वालों का पारण 1 अक्टूबर नवमी तिथि में प्रातः 06:06 के बाद किया जाएगा जबकि 9 दिन व्रत रहने वाले लोगों की पारणा 2 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद किया जाएगा। 2 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी। शमी पूजन नीलकंठ दर्शन शस्त्र पूजन व अपराजिता का अनुष्ठान किया जाएगा।

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ज्योतिषाचार्य
डॉ अखिलेश कुमार उपाध्याय 
इंदरपुर, थम्हनपुरा,बलिया 
9918861411

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