विचारों की शान पर तेज होती है क्रांति की तलवार : डॉ. अखिलेश सिन्हा



बलिया : भगत सिंह ने कहा था कि क्रांति की तलवार विचारों की शान पर तेज होती है। हमारा इन्क्लाब बम और पिस्तौल की क्रांति नहीं, हमारा मकसद है बदलाव। भगत सिंह कहते थे कि हम ऐसा आजाद भारत देखना चाहते हैं, जिसमें उमंगें हो तरंगें हो। उक्त बातें शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती पर टाउन इण्टर कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अखिलेश सिन्हा ने कही। उन्होंने कहा कि भगत सिंह इसलिए महान क्रांतिकारी थे कि उनके पास एक विजन था। एक विचार था।
कलेक्ट्रेट स्थित ड्रामा हाल में 28 सितम्बर को संकल्प के रंगकर्मियों ने भगत सिंह की जयंती मनाई। संकल्प के सचिव वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने कहा कि भगत सिंह व्यक्ति नहीं, बल्कि विचार थे। भगत सिंह युगद्रष्टा थे। उन्होंने अपने शहादत से पहले कहा था कि 'आजादी जरूरी नहीं ! आजादी के बाद का हिंदुस्तान जरूरी है। कहीं ये आजादी हमें गलत तरीके से मिल गई तो कहने में हिचक नहीं कि आज से 70 साल बाद भी हालात ऐसे कैसे रहेंगे? गोरे चले जाएंगे भूरे आ जाएंगे। काला बाजारी का सम्राज्य होगा। घुसखोरी सर उठा के नाचेगी और इस मुल्क में धर्म, जाति और जबान के नाम पर तबाही का ऐसा नंगा नाच शुरु होगा जिसको बुझाते बुझाते आने वाली नस्लों और सरकारों की कमर टूट जाएगी।' भगत सिंह की यह बातें आज कितना प्रासंगिक है। इस अवसर पर रंगकर्मी ट्विंकल गुप्ता, तुषार पाण्डेय, राहुल चौरसिया, शिवम कृष्ण, रितिक गुप्ता, रिया वर्मा, खुशी कुमारी, भाग्यलक्ष्मी, प्रीतम वर्मा आदि मौजूद रहे।

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