कार्तिक पूर्णिमा स्नान : व्यवस्था पर बलिया प्रशासन का विशेष फोकस, तीन जोन में बंटा क्षेत्र



बलिया : कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर पांच लाख से अधिक की व्यवस्थाओं पर विशेष फोकस किया जाएगा। इस बार विशेष कार्य कराए जाएंगे। महावीर घाट से कार्तिक पूर्णिमा स्नान घाट जाने वाले मार्ग में 5 सुंदर गेट बनाए जाएंगे, जिसका नाम मां गंगा द्वार, मां सरयू द्वार, महर्षि भृगु द्वार, दर्दर मुनि द्वार व कार्तिक पूर्णिमा स्नान द्वार दिया जायेगा।
अपर जिलाधिकारी (नोडल मेला) ने बताया कि मुख्य द्वार को विशेष आकर्षक लाइट से सजाया जायेगा, जिसमें त्रिशूल, कलश आदि लाइट लगाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा स्नान घाट में मुख्य द्वार 100 फिट का होगा। इसके अतिरिक्त दो वैकल्पिक रास्ते 50 फीट के बनाए जाएंगे। वहीं, वीआईपी के लिए अलग से वाहन मार्ग बनाया जा रहा है, जो बयासी पुल से गुजरेगा। कार्तिक पुर्णिमा स्नान घाट से लगभग 2 किमी मार्ग की मरम्मत लोक निर्माण विभाग करेगा, जिसका कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
बयासी पुल के अप्रोच पर भी सुंदर गेट बनाया जाएगा। उस रास्ते को स्वच्छ करते हुए और लाइट लगाई जाएगी, जिसे खंड विकास अधिकारी दुबहड़ सुनिश्चित कराएंगे। लोक निर्माण स्टोर से कार्तिक पूर्णिमा स्नान घाट मार्ग भी नदी कटान से प्रभावित होने के कारण मार्ग की मरम्मत और वैकल्पिक रास्ता निर्माण तथा मरम्मत अधिशासी अभियंता लोक निर्माण खंड व खंड विकास अधिकारी दुबहड़ सुनिश्चित कराएंगे। कार्तिक पूर्णिमा स्नान घाट में ले-आउट तैयार कर शरणार्थियों के लिए टेंट की व्यापक व्यवस्था होगी। कार्तिक पूर्णिमा में आश्रय स्थल बनेगा।
प्रथम बार कार्तिक पूर्णिमा स्नान क्षेत्र को व्यवस्थित करने के लिए 200 से अधिक लगने वाली अस्थाई दुकान और छोटे विक्रेता का स्थल चिन्हित किया गया है। शौचालय, प्रकाश, स्वच्छता, पेयजल, सीसीटीवी कैमरा, चेंजिंग रूम, चिकित्सा कैम्प, खोया पाया केंद्र, आपदा केंद्र, नाव, एनडीआरएफ, नाविक आदि व्यवस्थाओं में वृद्धि कर व्यवस्थित किया जाएगा। स्नानार्थियों की सुविधा में वृद्धि की जाएगी।
तीन जोन में बंटा संपूर्ण कार्तिक पूर्णिमा क्षेत्र
जिलाधिकारी द्वारा कार्तिक पूर्णिमा क्षेत्र का नक्शा तैयार कर लिया गया, जिसके क्रियान्वयन का कार्य प्रारंभ करा दिया गया है। मुख्य राजस्व अधिकारी ने बताया कि इस बार नक्शे के अनुसार संपूर्ण कार्तिक पूर्णिमा क्षेत्र तीन जोन में विभाजित किया गया है। इसमें मार्ग क्षेत्र, सांस्कृतिक/मेला क्षेत्र व तट क्षेत्र शामिल है। वहीं, कार्तिक पूर्णिम क्षेत्र को 12 सेक्टर में बांट दिया गया है, ताकि लोगों को सुविधा मिले।



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