बलिया का एक ऐसा गांव, जहां 'जहर' से बुझती है प्यास
On



बलिया। यूं समझ लो कि, प्यास गजब की थी,
और पानी में जहर भी था, पीते तो मरने का डर, न पीते तो भी मरने का खौफ था..। ऐसा ही कुछ कशमकश बैरिया तहसील के अन्तर्गत ग्राम बेचनछपरा के ग्रामीणों का है।सरकारी मशीनरी की सुस्त रवैया के चलते इस गांव के ग्रामीण आर्सेनिकयुक्त जल पीने को मजबूर है। आर्सेनिकयुक्त जल पीने से इस गांव के अधिकांश ग्रामीण विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे है।
अधर में लटका है टंकी निर्माण
ग्रामीणों के शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की गरज लिए साल भर पूर्व टंकी निर्माण का प्रस्ताव तो पास हो गया, लेकिन विभागीय कुम्भकर्णी नींद से उक्त योजना अभी तक ठंडे बस्ते में धूल फांक रहा है। कुछ जागरूक ग्रामीणों द्वारा जब कभी इस प्रकरण में शिकायत भी किया गया तो बदले में सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिला। आलम यह है कि बीते साल भर में आर्सेनिकयुक्त जल से इस गांव के कई लोग गम्भीर रूप से बीमार भी रहने लगे है तो कई लोगों की मृत्यु का कारण लिवर की समस्या सामने आई है।
साल भर में कई मौत, वजह लिवर डैमेज
पूरे ग्राम पंचायत में एक साल के अंदर ऐसी कई मौत हुई, जिनको केवल लिवर सम्बन्धी विकार थे।भोजापुर की कौशल्या देवी पत्नी रामपूजन साह, सबीना पत्नी सगीर खान, सैरुन पत्नी दुलरू खान इत्यादि ऐसे लोगो की असमय मौत हुई जो केवल लिवर कैंसर से जूझ रहे थे। इसी ग्राम पंचायत के समाजसेवी रनजीत तिवारी के अनुसार तहसील स्तर से उच्चाधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद भी सालों से अब तक केवल कोरा आश्वासन ही मिला है, जबकि ग्रामीणों ने सम्बंधित विभाग को उनके अनुसार भूमि भी उपलब्ध कराने का विश्वास दिलाया है।
रवीन्द्र तिवारी
Tags: बलिया

Related Posts
Post Comments
Latest News
08 Nov 2025 06:16:12
मेषपराक्रमी बने रहेंगे। व्यावसायिक सफलता मिलेगी। धनार्जन होगा। अपनों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य अच्छा है। प्रेम, संतान की स्थिति अच्छी...



Comments