Ballia News : MTCS में हर्षोल्लास के साथ मनी दया, करुणा और ममता की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा की जयंती



बलिया : मदर टेरेसा कांवेंट स्कूल पचरुखिया में अंतरराष्ट्रीय शांति नोबेल पुरस्कार एवं भारत रत्न मदर टेरेसा की जयंती भव्य तरीके से मनाई गई। विद्यालय के प्रधानाचार्य, शिक्षक व विद्यार्थियों ने मदर टेरेसा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। प्रबन्धक प्रेम किशोर व प्रधानाचार्य कुसुम लता सिंह ने मदर टेरेसा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार एवं भारत रत्न मदर टेरेसा समाज को नई दिशा देने के साथ ही गरीबों, अनाथों व असहायों की मसीहा थी।
प्रेम, दया और करुणा की प्रति मूर्ति मदर टेरेेेसा बचपन से ही गरीबी का दौर देखा था। शिक्षा प्राप्त करते हुए 12 वर्ष की आयु में उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाएंगे। एचओडी अभिजीत किशोर ने बताया कि हमेशा नीली किनारी की सफेद धोती पहनने वाली मदर टेरेसा का कहना था कि दुखी मानवता की सेवा ही जीवन का व्रत होना चाहिए। वह 18 वर्ष की आयु में सिस्ट ऑफ लोरेटो में शामिल हुई। एक बार वह भारत घूमने आई और उनके मन में भारत के गरीबों को देखकर सेवा का भाव उभरा। इसके बाद वह कोलकाता आ गई। लोगों की सेवा करने लगी।
शिक्षक अंशू तिवारी ने बताया कि मदर टेरेसा एक ऐसा नाम, जिनका नाम लेते ही मन में दया के भाव जग जाते हैं। उन्होंने दुनिया के बच्चों की सेवा अपने बच्चों की तरह की। जिंदगीभर जरूरतमंद लोगों की सेवा कर अपना संपूर्ण जीवन न्योछावर कर दिया। इस मौके पर अरविंद वर्मा, ओनिकेस राय, रवि पांडे, दिनेश प्रजापति, सूरज चौबे, जेपी सहाय, अक्षय मिश्रा, टीपी सिंह, रवि कुमार, तन्नु दुबे, नेहा सिंह, स्वीटी गुप्ता, उदय यादव , मुन्ना तिवारी, राजेश राणा, बिक्रम कुमार, मुस्कान सिंह, ओम प्रकाश, सूरज यादव, सुरेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।

Comments