Flood in Ballia : बलिया में एक बार फिर मीडियम फ्लड लेबल पार कर तबाही मचाने को आतुर हुई गंगा की लहरे



मझौवां, बलिया : तीसरी बार तबाही मचाने को आतुर गंगा की लहरों का तेवर तल्ख होता दिख रहा है। जलस्तर में बढ़ाव जारी है, जिससे कई जगह कटान शुरू हो गया है। चक्की नौरंगा के बाद गंगा की मचलती लहरों के निशाने पर गोपालपुर ग्राम पंचायत आ गया है। यहां नदी किसानों की 'थाती' (कृषि योग्य खेत) लूट रही है। यदि समय रहते इसे नहीं रोका गया तो न सिर्फ गांव, बल्कि तीन शिक्षण संस्थानों का अस्तित्व संकट में फंस जायेगा।
केंद्रीय जल आयोग की गायघाट (बलिया) गेज पर बुधवार की सुबह 8 बजे नदी का जल स्तर 58.900 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि यहां मीडियम फ्लड लेबल 58.615 मीटर ही है। नदी के जलस्तर में प्रति घंटे दो सेमी की बढ़ोत्तरी जारी है। उफनाई गंगा का दबाव बैरिया तहसील क्षेत्र के मौजा गोपालपुर पर बना हुआ है। मंगलवार की शाम दूबेछपरा स्कूल से कुछ दूरी पर मस्का कटान लग गया, जिससे किसानों की खेती योग्य एक एकड़ से ज्यादा भूमि गंगा में समाहित हो गया।
गांव के किसान वीरेंद्र तिवारी, दीनानाथ तिवारी, स्वामीनाथ तिवारी, मनोज, दुर्गेश दूबे, गुड्डू आदि लोगो का कहना है कि प्रशासन इस कटान को गंभीरता से नहीं ले रहा है, जिस तरह गंगा नदी कटान कर रही है वह भयावह है। दूबे छपरा गांव स्थित बालिका विद्यालय, पीएन इंटर कालेज और महाविद्यालय का अस्तित्व खतरे में है। ग्रामीण बता रहे है कि बाढ़ विभाग इस गांव को कमाई का जरिया बना रखा है, अन्यथा ऐसी नौबत नहीं आती। मिट्टी भरी बोरियां और कुछ बोल्डर गंगा की वेगवती लहरों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। बाढ़ आने के बाद विभाग जगता है। पानी पेटे में रहते कोई अधिकारी देखने तक की जहमत नहीं उठाता।
हरेराम यादव

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