बलिया DM की मौजूदगी में ददरी मेला को लेकर बड़ा फैसला
बलिया। ददरी मेले के आयोजन को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई। इसमें कोविड-19 को देखते हुए मेले के आयोजन को लेकर सब के सुझाव लिए गए। अंततः कोविड-19 से लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस वर्ष मेला स्थगित करने का निर्णय हुआ।
डीएम एसपी शाही ने कहा कि ददरी मेले को लेकर जो भी संशय है, कोरोना महामारी से जनता को बचाने को लेकर है। ऐसे आयोजन की गाइडलाइन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बृहद मेला में कोविड प्रोटोकाल का शत अनुपालन करा पाना मुश्किल होगा। मेले में दो सौ से अधिक भीड़ हर हाल में हो जाएगी। इसलिए मेला कराना और उसके बाद जिले को लॉकडाउन की स्थिति में ले जाना कहीं से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान का कार्यक्रम होगा, पर उस दिन किसी भी प्रकार का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा।
राजकीय मेला घोषित कराने में करेंगे समय का सदुपयोग
ददरी मेले को राजकीय मेला घोषित करने की मांग को लेकर कहा कि इसका पूरा प्रयास किया जाए। मेला का आयोजन नहीं होता है तो इस समय का उपयोग इसी कार्य में किया जाए। शासन से बात हुई है। इससे सम्बन्धित प्रारूप मंगवाया है, जिस पर जरूरी विवरण भरकर भेजा जाएगा। इसके बाद जनप्रतिनिधि और अधिकारी का स्तर पर पहल करके ददरी मेला को राजकीय मेला घोषित करने का पूरा प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि मेला भूमि का फाइनल चयन कर लिया जाए तो इस दिशा में एक बड़ी बाधा दूर हो जाएगी।
'बलिया गान' बनवाने को लेकर दिए सुझाव
जिलाधिकारी ने कहा बलिया पर आधारित कोई गीत 'बलिया गान' होनी चाहिए। ददरी मेला के खाली समय में ही इसे बनवा लिया जाए तो बेहतर कदम होगा। सुझाव देते हुए कहा कि इसके लिए पहले कई गीत लिखवाया जाए। फिर सोशल स्टेज पर बेहतर गीत चुनने के लिए वोटिंग कराई जाए। सबसे बेहतर तीन गीत चुना जाए और उससे गवाकर सुना जाए। फिर उसमें से सबसे बेहतर गीत का चयन हो। इसके लिए लिखने वाले को एक लाख का इनाम दिया जाएगा। ददरी मेले के आयोजन नहीं होने से मिलने वाले एक महीने के खाली समय में ही इस तरह की सकारात्मक पहल हो। इसमें होने वाले खर्च को लेकर चेयरमैन अजय कुमार ने आश्वस्त किया। इसके साथ ही ददरी मेला स्मारिका भी तैयार कराने की बात कही।
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