हिमालय की तरह व्यक्तित्व, सागर की तरह विशाल था पंडित जी का चिंतन : उपेन्द्र तिवारी
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बलिया। एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर फेफना विधानसभा में सभी बूथों पर कार्यक्रम आयोजित किये गए। साग़रपाली, कोटवां, पंडित दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान एवं आरोग्य केंद्र महरेव चितबड़ागांव में आयोजित कार्यक्रमें में बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री उपेंद्र तिवारी शामिल हुए।
श्री तिवारी ने कहा कि पंडित जी का व्यक्तित्व हिमालय की तरह एवं चिंतन सागर की तरह विशाल था। दीन दयाल जी ने उस काल खंड में प्रचलित साम्यवाद व पूंजीवाद का विरोध कर एकात्म-मानववाद की परिकल्पना भारतीय समाज में प्रस्तुत किया। उन्हें पता था कि दोनों देश व समाज विरोधी नीतियां हैं। इससे आम जन का भला नहीं हो सकता। उपाध्याय जी आम आदमी के कल्याण व मानवता के उत्थान के लिए समाजसेवा व राजनीति में नहीं आये, उनका लक्ष्य सांसद विधायक का पद पाना नहीं था। 1963 के लोकसभा उपचुनाव में वे अपने जीवन का एकमात्र चुनाव लड़े और हारकर भी आम जनता के दिलों में जीते, लेकिन सिद्धान्तों से समझौता नहीं किये।
पंडित जी का सपना तभी साकार होगा, जब केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाएं सभी पात्रों तक पहुंचे। इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को प्रहरी की भूमिका में खड़ा रहना होगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में दीन दयाल जी की आदम कद प्रतिमा एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर टुनटुन उपाध्याय, नंदलाल सिंह, मोतीचंद गुप्ता, मनोज सिंह, भरत राय, सूर्यदेव राय, मदन राजभर, देवेंद्र यादव, भानु दुबे, शशिकला तिवारी आदि उपस्थित रहे।
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